2,820 जगह मिला लार्वा, 1,112 लोगों को थमाए नोटिस
डेंगू पर नकेल कसने के लिए जिले में सोमवार को ड्राई डे मनाया गया। ड्राई डे के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1100 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: डेंगू पर नकेल कसने के लिए जिले में सोमवार को ड्राई डे मनाया गया। ड्राई डे के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1100 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 90 हजार से अधिक घरों में जांच की। इस जांच में 2,820 जगहों पर डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा मिला। स्वास्थ्य विभागों की टीमों ने लापरवाही बरतने वाले 1,112 लोगों को नोटिस भी थमाए। इतने बड़े स्तर पर पहली बार अभियान चलाया गया।
जिले में 11 मामले आ चुके हैं सामने: बारिश के बाद मौसम में आए बदलाव और जलभराव के चलते डेंगू लगातार पैर पसार रहा है। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 11 मामले सामने आ चुके हैं। मलेरिया के भी दो मामले आए हैं। डेंगू के मामले आसपास के जिलों में भी खूब सामने आ रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी डेंगू के संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। दूसरे जिलों से भी बड़ी तादाद में डेंगू के मरीज यहां के अस्पतालों में आकर भर्ती हो रहे हैं। कहां हुई जांच कितनी जांच लार्वा मिले
घर की जांच 90,351 1301
कूलर की जांच 22083 332
टंकियों की जांच 18255 261
हौदी की जांच 1709 313
गमलों की जांच 24291 215
सार्वजनिक गड्ढे और जलभराव 3208 277
टूटा बर्तन, टायर आदि में जमा पानी 9675 121 ============================================== सुबह शाम बंद रखें खिड़की दरवाजे
आमतौर पर डेंगू फैलाने वाले मच्छर सुबह के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। ठहरे हुए पानी में एडीज मच्छर अंडे देते हैं। अंडा देने के बाद सात दिन के दौरान लार्वा और मच्छर बनते हैं। यदि इस दौरान साफ सफाई कर एक दिन सूखा छोड़ा जाए तो लार्वा नहीं पनपेंगे। इसके अलावा इससे बचाव के लिए घर और प्रतिष्ठानों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, मच्छर नाशक दवा का छिड़काव करें और शरीर में विशेषकर पैरों और पूरी बाजू के कपड़े पहनेंगे तो मच्छर नहीं काट पाएंगे।
तीन दिन बुखार के बाद फिर बढ़ सकती है परेशानी: डेंगू को लेकर सचेत होने की जरूरत है। डेंगू के संभावित मरीज को तीन दिन तक बुखार होता है। इसके बाद थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन लापरवाही नहीं बरतनी है। कई बार बुखार से राहत मिलने के बाद शरीर में प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत आती है। इसलिए नियमित रूप से विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपचार कराना चाहिए। विभाग की ओर से लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि पानी जमा नहीं होने दें, जहां पानी जमा है वहां मिट्टी डालें या फिर दवा का छिड़काव करें। इसके अलावा सघन जांच अभियान चलाया हुआ है। जहां लापरवाही नजर आती है वहां चेतावनी दी जा रही है। इसके अलावा चालान भी काटे जा रहे हैं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और उपचार की व्यवस्था है। निजी स्वास्थ्य केंद्र संचालकों को भी उनके यहां आने वाले मरीजों की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
डा. विजय प्रकाश, उपसिविल सर्जन एवं मलेरिया नोडल अधिकारी।