संशोधित..रेवाड़ी में लीक हुआ था बिजली निगम में क्लर्क भर्ती की परीक्षा का पेपर

वर्ष 2020 में बिजली विभाग में लोअर डिविजन क्लर्क पद के लिए हुई परीक्षा का पेपर पहले ही लीक हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:26 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:26 PM (IST)
संशोधित..रेवाड़ी में लीक हुआ था बिजली निगम में क्लर्क भर्ती की परीक्षा का पेपर
संशोधित..रेवाड़ी में लीक हुआ था बिजली निगम में क्लर्क भर्ती की परीक्षा का पेपर

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: वर्ष 2020 में बिजली विभाग में लोअर डिविजन क्लर्क पद के लिए हुई परीक्षा का पेपर पहले ही लीक हो गया था। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की जांच के बाद कोसली थाना में गांव लिलोढ़ निवासी एक युवक व अभ्यर्थी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। लीक किए गए पेपर से गांव बेरली खुर्द निवासी एक युवती ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन नौकरी ज्वाइन नहीं की। आरोपितों से पूछताछ के बाद ही पता लग पाएगा की पेपर लीक किस तरह से और किनकी मदद से किया गया था।

सूचना पर शुरू की थी जांच: थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि गांव लिलोढ़ निवासी सचिन एयरफोर्स, डीएमआरसी, आइटीबीपी, हरियाणा में क्लर्क व लाइनमैन आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर सिस्टम को हैक कर परीक्षा पास कराता है तथा इसके एवज में रुपये लेता है। सचिन ने ही 25 फरवरी 2020 को हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन द्वारा बिजली विभाग में लोअर डिविजन क्लर्क पद की परीक्षा का पेपर लीक कराया था तथा एक अभ्यर्थी को नौकरी भी दिलाई है। सूचना पर सीएम फ्लाइंग रेवाड़ी द्वारा मामले की जांच शुरू की गई थी। साइबर सैल की मदद से सीएम फ्लाइंग ने सचिन के मोबाइल की काल डिटेल की जांच की। जांच के दौरान सचिन की उन 12 अभ्यर्थियों से बात होनी पाई गई जो परीक्षा में बैठे थे। जांच के दौरान सीएम फ्लाइंग ने सभी 12 अभ्यर्थियों के बयान दर्ज किए। सभी के बयान दर्ज के बाद सामने आया कि सचिन पेपर लीक कराने वालों में शामिल है। एक अभ्यर्थी पूजा ने स्वीकार किया कि परीक्षा से पहले सचिन व उसके साथियों ने जो पेपर उसे पढ़ाया था, वही परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में पूजा उत्तीर्ण हो गई थी, लेकिन उसने नौकरी ज्वाइन नहीं की।

गिरफ्तारी के बाद उठेगा पर्दा: जांच में पता लगा कि सचिन ने पेपर उपलब्ध कराने के लिए पूजा से नौ लाख रुपये में सौदा तय किया था। आरोपित ने कितने अभ्यर्थियों से रुपये लिए थे, इसका पता गिरफ्तारी के बाद ही लग पाएगा। करीब डेढ़ वर्ष की जांच के बाद सीएम फ्लाइंग ने बृहस्पतिवार को कोसली थाना में आरोपितों के खिलाफ शिकायत दी है। कोसली पुलिस ने सीएम फ्लाइंग के इंस्पेक्टर सूबे सिंह की शिकायत पर आइटी एक्ट व फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। सचिन के पेपर लीक गिरोह से सीधे तार जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त कुछ कोचिग सेंटरों से भी उसके संपर्क हैं। अब पुलिस जांच के बाद ही उसका पूरा सच सामने आ पाएगा।

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