हरियाणा गृहमंत्री का चालक बता रौब झाड़ा , बोला- मंत्री कोटे से लगवा देगा नौकरी, ठगे 3 लाख
कैथल में कभी मंत्री का पीए तो कभी कार चालक बताकर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। अब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के कार का चालक बताकर एक युवक ने तीन लाख की ठगी की। ठग ने नौकरी लगवाने का झांसा दिया। महिला से तीन लाख ठग लिए।
कैथल, जागरण संंवाददाता। कैथल में मंत्री के पीए और कभी कार चालक बताकर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री रामविलास पासवान का पीए बनकर ठगी का मामला आया था। अब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का कार चालक बनकर ठगी हुई।
पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर खुद को प्रदेश के गृह मंत्री का कार चालक बताकर नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
गांव सिरसल निवासी मीना रानी पत्नी योगेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि पिछले वर्ष किसी सहेली के माध्यम से उसे जानकारी मिली कि राजेंद्र नाम का युवक और उसका ग्रुप नौकरी लगवाने का काम करता है। वह खुद को प्रदेश के गृहमंत्री का निजी कार चालक बताता है और मंत्री कोटे की पोस्ट से वे पैसे लेकर भर्ती करवाते हैं। जिसके चलते उसकी राजेंद्र से फोन पर बातचीत होने लगी।
उसे विश्वास होने लगा कि वास्तव में वह और उसका ग्रुप नौकरी लगवाने का काम करते हैं। उसने उसे अपनी बहन भी बना लिया और वह उनके घर पर भी आया। मीना ने उसे अपने पति और उसके दोस्त से भी मिलाया। इसके बाद टैक्सेशन विभाग में क्लर्क की नौकरी लगाने की बात छह लाख रुपये में हुई। जिसकी आधी राशि तीन लाख रुपये काम होने से पहले व आधी काम होने के बाद देने की बात हुई।
उस समय उसके पति जो कि निजी स्कूल में अध्यापन का काम करते हैं, लाकडाउन के चलते नौकरी जाने के बाद उसे नौकरी की जरूरत थी। महिला का आरोप है कि आरोपित इस दौरान घर से तीन लाख रुपये नकद नौकरी लगवाने के नाम पर लेकर गया और उसके बाद फोन पर बात होती रही।
छह महीने बीतने के बाद जब बात हुई तो उसने लाकडाउन का बहाना बनाकर कुछ समय और लगने की बात कही। एक बार फोन पर हुई बात में उसने कहा कि उसका बंदा जिससे उसने काम करवाना है वह कुरुक्षेत्र में ही शांति नगर में रहता है और उसी के माध्यम से उसने पैसे सही हाथों में दिए हैं। एक साल बाद बीतने के बाद जब दबाव दिया कि या तो निश्चित समय दे या पैसे वापस करे तो आरोपित ने एक सप्ताह के बाद एक नौकरी संबंधी ग्रुप डी की वेटिंग लिस्ट का पीडीएफ भेजा।
जब उसने व उसके पति ने पीडीएफ की पड़ताल विभाग की असल पीडीएफ से की तो मामला सारा उनकी समझ में आ गया कि राजेंद्र व उसके ग्रुप ने उनसे धोखाधड़ी की है। थाना प्रभारी निर्मल ङ्क्षसह ने बताया कि पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।