कोरोना काल में यमुनानगर की स्टाफ नर्स गुरमीत बनीं सेवा की मिसाल, सेवा को मानती हैं सौभाग्य

कोरोना काल में स्टाफ नर्स का सेवा भाव सराहनीय रहा है। यमुनानगर की गुरमीत भी इन कोरोना योद्धाओं में से एक हैं। कोरोना होने पर परिवार भी मरीज से दूरी बना लेता है तब अपनी चिंता किए बिना गुरमीत मरीज की सेवा में लग जाती हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 05:17 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 05:17 PM (IST)
कोरोना काल में यमुनानगर की स्टाफ नर्स गुरमीत बनीं सेवा की मिसाल, सेवा को मानती हैं सौभाग्य
गुरमीत कहती हैं कि इस महामारी ने काफी कुछ सिखाया है।

यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना महामारी से जंग में स्वास्थ्य कर्मी योद्धा बने हुए हैं। सबसे बड़ी जिम्मेदारी उन स्टाफ नर्स पर है, जो दिन रात मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं। कोविड सेंटर में मरीजों के बीच रहकर ड्यूटी कर रही हैं। इसके साथ ही खुद का भी ध्यान रखना पड़ता है। इन्हीं में से एक हैं स्टाफ नर्स गुरमीत। उनकी इस समय कोविड अस्पताल में दिन की शिफ्ट में ड्यूटी चल रही है। वह इसे अपना सौभाग्य समझ रही है कि इस महामारी के समय में वह संक्रमितों की सेवा कर रही हैं। 

गुरमीत का कहना है कि कोरोना की वजह से मरीजों के परिवार के लोग भी दूरी बना लेते हैं। यह सही भी है, क्योंकि यदि वह मरीज के संपर्क में नहीं आएंगे और नियमों का पालन करेंगे, तो कारोना से बचे रहेंगे। मरीज के स्वजन कोविड अस्पताल में आते हैं, तो उन्हें समझा दिया जाता है कि मरीजों के लिए डाक्टर व नर्स है। इन मरीजों का पूरा ख्याल रखा जाता है। किसी को भी खाने से लेकर दवाई तक की दिक्कत नहीं आने दी जाती। समय पर दवाइयां दी जाती हैं। बाहर से खाना आता है। वह मरीज को दिया जाता है। कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जिनके स्वजन खाना भिजवाते हैं। उनके स्वजनों से खाना लेकर मरीज को दे दिया जाता है। इस महामारी ने काफी कुछ सिखाया है। 

खुद को भी बचाए रखना जिम्मेदारी 

इस महामारी में खुद को बचाए रखने के लिए गुरमीत नियमों का पालन करती हैं। ड्यूटी के दौरान थ्रीलेयर मास्क लगाकर रखती हैं। जब से कोरोना महामारी फैली है, तभी से गुरमीत ने ठंडे पानी से परहेज कर लिया है। घर हो या ड्यूटी पर गर्म पानी ही पीती हैं। इसके साथ ही डाइट में विटामिन वाले खाद्य पदार्थों को शामिल कर लिया है। नींबू पानी पीती हैं। ड्यूटी से जब घर पर जाती है, तो पहले खुद को सैनिटाइज करती है। कपड़ों व जूतों को अलग रखती हैं। इसके बाद ही परिवार से मिलती हैं। रात को सोने से पहले भाप लेती हैं। इन सब सावधानी की वजह से ही वह कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं।

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