Cyber Crime: डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर ठगी न हो, यमुनानगर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है। अब डेबिड कार्ड क्लोनिंग के मामले सामने आ रहे हैं। इससे बचने के लिए यमुनानगर पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। जानिए किस तरह से आप डेबिट कार्ड क्लोनिंग ठगी से बच सकते हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर शातिर गिरोह लोगों से ठगी न कर सके इसके लिए जिला पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें लोगों को सतर्क किया गया है कि वह क्लोन बनाकर ठगी करने वाले गिरोह से बच कर रहें। हालांकि काफी समय से कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें क्लोन बनाकर लोगों से ठगी की गई हो। गत वर्ष सरस्वतीनगर क्षेत्र में ऐसा मामला आया था। क्योंकि यह गिरोह एकदम से सक्रिय होता है इसलिए पुलिस अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए भी एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
स्कीमर डाटा चुराता है गिरोह
जिन लोगों के साथ ठगी होती है वह अपने बैंक खाते या डेबिट कार्ड की जानकारी किसी से साझा भी नहीं करते। फिर भी उनकी गाढ़ी कमाई को ठग आसानी से कैश कर लेते हैं या फिर अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। दरअसल ठग अलग-अलग इलाकों के एटीएम में स्कीमर डाटा चोरी करने की डिवाइस लगा दिए हैं। लाेग एटीएम से रुपये निकाल कर घर लौट जाते हैं और कुछ देर बाद उनके खाते खाली कर दिए जाते हैं। वर्तमान में कौन सा गिरोह यह फर्जीवाड़ा कर रहा है, इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। ठग अधिकांश उन्हीं एटीएम में स्कीमर लगाते हैं, जहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते हैं। जर्जर एटीएम या फिर जहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं वहीं पर जालसाज एटीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं। खास बात ये है कि ठगी के शिकार पीड़ितों की त्वरित सुनवाई भी नहीं हो रही है। यदि कोई पीड़ित बैंक में शिकायत लेकर जाता है तो कर्मचारी या मैनेजर उसे ठीक से बात तक नहीं करते। न ही उसे सही रास्ता दिखाते हैं कि ठगी होने पर वह कहां और किसे अपनी शिकायत करें। उल्टा उन्हें थाने में शिकायत करने को कह दिया जाता है।
एसपी ने यह जारी की एडवाइजरी
यमुनानगर एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि एटीएम कार्ड को स्वैप करने से पहले मशीन स्लाट को देख लें कि उसमें कोई चिपचिपा पदार्थ तो नहीं लगा है। पुलिस की पिछली पड़ताल के अनुसार इस चिपचिपे पदार्थ की मदद से एटीएम के उस स्थान को कापी कर लिया जाता है। जहां पर गोपनीय जानकारी रहती है और इसके बाद इसका क्लोन बना लिया जाता है। प्रत्येक डेबिट कार्ड में एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है, जिसमें कार्ड से संबंधित महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी होती है। साइबर अपराधी द्वारा स्कीमिंग डिवाइस के माध्यम से इस गोपनीय जानकारी को कार्ड से संग्रह कर लिया जाता है। किसी खाली कार्ड पर कापी कर असली एटीएम कार्ड का क्लोन बना लिया जाता है। पीड़ित के द्वारा एटीएम पिन अंकित करते समय पिन होल, स्पाई कैमरा, एटीएम की–पैड के ऊपर ओवरले डिवाइस का प्रयोग कर साइबर अपराधी पीड़ित के डेबिट कार्ड का पिन प्राप्त कर खाते से अवैध निकासी करते हैं। एटीएम के की बोर्ड के बटन देख लें अगर किसी बटन में तीली या आलपिन फंसी हो तो इस एटीएम का उपयोग न करें और इसकी सूचना बैंक प्रबंधन को भी दें। एटीएम बूथ में कार्ड का उपयोग करते समय पासवर्ड डायल करें तो उसे छिपाकर करें। एटीएम बूथ में आपके ट्रांजेक्शन के समय कोई अंदर आता है तो उसे न आने दें। पैसे निकलवाने के पूर्व छिपे हुए कैमरा, स्कीमर डिवाइस इत्यादि की जांच कर ले। एटीएम पिन को हमेशा बदलते रहें एवं ऐसा पिन न रखे जो आसानी से अनुमान लगाया जा सके। यह सुनिश्चित कर लें कि बैंकिंग लेनदेन से संबंधित विवरण आपको मैसेज के माध्यम से भी प्राप्त हो।