Yamunanagar News: जनस्वास्थ्य विभाग के ट्यूबवैलों से दूषित पानी हो रहा सप्लाई, 120 में से 20 सैंपल फेल
यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। सितंबर माह में विभिन्न गांवों में ट्यूबवैल से हो रहे पानी की सप्लाई के सैंपल 120 सैंपल लिए थे। जिसमें से 20 सैंपल फेल आए हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किए जाने वाला पेयजल पीने के लायक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। सितंबर माह में विभिन्न गांवों में ट्यूबवैल से हो रहे पानी की सप्लाई के सैंपल 120 सैंपल लिए थे। जिसमें से 20 सैंपल फेल आए हैं। यह पानी शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतरा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को पत्र भेजा गया है। हेल्थ इंस्पेक्टर डा. अनूप गोयल ने बताया कि समय-समय पर पानी की जांच कराई जाती है। सैंपल फेल आने पर संबंधित विभाग को सूचित किया जाता है। जिससे वह पेयजल की आपूर्ति दुरुस्त करें।
बीमारियां फैलने का खतरा
एक तरफ बरसात का सीजन चल रहा है। जिससे पहले ही जनजनित बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। वहीं लोगों को पीने का पानी भी शुद्ध नहीं मिल रहा। जिससे पेट में इंफेक्शन, गला व पेट में दर्द जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों व घरों में सप्लाई होने वाले पेयजल के सैंपल लिए जाते हैं। जिससे पानी की शुद्धता का पता लगता रहे और लोग बीमारियों की चपेट में आने से बच सके।
यहां पर लिए गए सैंपल
सितंबर माह में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आंबवाला, ढलौर, हैबतपुर, पिंजौरा, साढौरा, हडतौल, बिलासपुर, खेड़ी दर्शन सिंह, सरस्वतीनगर, नमदारपुर, खारवन, अकबरपुर टेही, लवाणा से पानी के सैंपल लिए थे। इसके अलावा साबापुर की आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्कूल, धर्मकोट के राजकीय स्कूल, गलौली के राजकीय मिडिल स्कूल से पानी के सैंपल लिए गए थे। 120 सैंपल इन जगहों से लिए गए थे।
यहां के सैंपल आए फेल
खेड़ी दर्शन सिंह में पब्लिक हेल्थ की ट्यूबवैल से पानी लोगों के घरों में सप्लाई हो रहा है। यहां से चार सैंपल लिए गए थे। चारों सैंपल फेल आए हैं। इसी तरह से अकबरपुर टेही व लवाणा से लिए गए दस सैंपल भी फेल आए हैं। नमदारपुर व सरस्वतीनगर पावर हाउस के सैंपल फेल आए हैं।
ई-कोलाई मिला पानी में
जहां पर पानी के सैंपल फेल आए हैं। उनमें ई-कोलाई बैक्टीरिया मिला है। यह पानी के जरिए यह बैक्टीरिया इंसानों के शरीर में प्रवेश करता है। इससे डायरिया होने का खतरा रहता है। यदि अधिक मात्रा में बैक्टीरिया हो, तो गुर्दे पर इसका असर पड़ता है। बच्चों पर यह जल्दी असर करता है।