रेत के टीलों की वजह से बदल रहा यमुना का बहाव, बढ़ रहा बाढ़ का खतरा
यमुना नदी का बहाव लगातार बदल रहा है। इससे आसपास के गांवों में खतरा बढ़ता जा रहा है। यमुना में बीचोंबीच लगे रेत के स्टाक और अवैध खनन की वजह और जलस्तर बढ़ने से बहाव की दिशा बदल रही है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुना नदी के बीचोबीच रेत के स्टाक लगे हैं। गत दिनों बी-16 घाट पर खनन एजेंसी ने नियमों के खिलाफ यमुनानदी में ही स्टाक कर दिया था। लेकिन अचानक जल स्तर बढ़ जाने से वह इस स्टाक को उठा नहीं पाए हैं। यह स्टाक आज भी ज्यों का त्यों यमुनानदी में ही लगा हुआ है। जिससे यमुनानदी की धारा बाधित होकर आबादी की ओर रूख कर चुकी है।
गनीमत है कि अभी तक यमुनानदी के जल स्तर में कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ है। अगर ऐसा होता है तो खनन एजेंसी की इस मनमानी का खामियाजा गुमथला गांव के लोगों को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि यमुना नदी का बहाव पहले ही हरियाणा की ओर बढ़ रहा है। हैरत की बात तो यह है कि सरेआम नियमों के साथ खनन एजेंसी ने खिलवाड़ किया लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई भी प्रशासनिक कार्रवाई इस पर नहीं हो पाई। जबकि इसके बाद स्थानीय बड़े अधिकारी भी घाटों का दौरा कर चुके है। लेकिन उनका दौरा केवल औपचारिकता बनकर रह गए।
क्षेत्रवासियों में भय का माहौल
यमुना नदी का रुख आबादी की ओर है। क्षेत्रवासी बलविंद्र, शुभम, विकास, सोनू व मनोज का कहना है कि खनन एजेंसी पिछले काफी समय से यमुनानदी में नियमों के विपरीत खनन करती रही। कार्रवाई न होने से हौसले इतने बुलंद हो गए कि उसने यमुनानदी के बीचोबीच ही रेत को स्टाक कर लिया। ऐसा एक दिन में नहीं हुआ। इस कार्य में कई सप्ताह लगे। कुछ रेत उठता रहा तो उससे अधिक वहां स्टाक होता रहा।
विभागीय अधिकारी इस पर कोई भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। खनन एजेंसी ने इससे खुद को तो लाभ पहुंचाया लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा को मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया। अब इस स्टॉक से यमुनानदी का रूख आबादी की तरफ हो चुका है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी भी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं। मानसून सीजन शुरू हो चुका है। यमुना का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है।
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'' खनन एजेंसी बी-16 के इस कार्य को लेकर उन्होंने एजेंसी को नोटिस दिए थे। जल्द इस स्टॉक को उठाने बारे कहा था। लेकिन पानी आ जाने के कारण एजेंसी ने यह स्टाक नहीं उठाया। सितंबर तक मशीनें चलाने पर पाबंदी है। मामले को लेकर एजेंसी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएंगी।
- सतेंद्र कुमार, एसडीओ, सिंचाई विभाग।