कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल की कवायद, अब एक्‍सरे फिल्‍म लेकर नहीं लगाने होंगे चक्‍कर

कुरुक्षेत्र के लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल ने एक कदम डिजिटल की तरफ बढ़ाया है। अब मरीजों को एक्‍सरे फिल्‍म नहीं मिलेगी बल्कि डिजिटल प्रारूप में सीधे डॉक्‍टर के पास पहुंच जाएगी। मरीज भी बार-बार एक्सरे उठाकर लाने के झंझट से बचेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 02:29 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 02:29 PM (IST)
कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल की कवायद, अब एक्‍सरे फिल्‍म लेकर नहीं लगाने होंगे चक्‍कर
कुरुक्षेत्र का लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल।

कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों को अब ओपीडी में बैठे चिकित्सक को दिखाने के लिए हर बार एक्सरे लेकर जाने के जाने की जरूरत नहीं है। एक्सरे रूम में एक्सपोजर होने के बाद एक्सरे सीधा चिकित्सक के कंप्यूटर पर पहुंचना शुरू हो गया है। यानी एक्सरे कराने के बाद मरीजों को फिल्म प्रिंट होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही बारिश, पानी या पसीना लगने के बाद फिल्म खराब होने की स्थिति में दोबारा एक्सरे कराने की जरूरत भी नहीं होगी। इससे हड्डी रोग विशेषज्ञ का काम भी आसान हो गया है।

अब उन्हें बार-बार मरीज को एक्सरे अपने साथ लेकर आने की सलाह देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एलएनजेपी अस्पताल में एक्सरे सिस्टम आनलाइन हो गया है। अब यहां एक्सरे कराने वाले मरीजों को एक्सरे फिल्म नहीं दी जाएगी। इससे हर साल सरकारी खजाने पर पड़ने वाला तीन लाख रुपये का बोझ भी कम होगा।

मरीजों को अब बार-बार एक्सरे उठाकर लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी

दरअसल मरीज जब भी चिकित्सक से ओपीडी में उपचार कराने के लिए आता है तो चिकित्सक उसे अपने साथ एक्सरे लेकर आने की सलाह देते हैं। मगर मरीज अक्सर एक्सरे अपने साथ लाना भूल जाते हैं। ऐसे में अगर मरीज का इलाज किसी दूसरे चिकित्सक से चल रहा है और उसकी छुट्टी है तो दूसरे चिकित्सक को मरीज की समस्या को समझने में समय लग जाता है। ऐसे में मरीज को दोबारा एक्सरे कराकर दिखाने की सलाह दी जाती है या अगली बार आते हुए एक्सरे लेकर आने के लिए बोला जाता है। कई बार मरीज को सारे पुराने एक्सरे रखने पड़ते हैं। मगर अब चिकित्सक एक क्लिक में मरीज के सारे पुराने एक्सरे को देख सकेंगे।

एक ये भी नुकसान

एक्सरे कराने के बाद बहुत से मरीज चाहते हैं कि वे दूसरे निजी चिकित्सक से भी परामर्श ले लें। इसके लिए उन्हें एक्सरे की जरूरत पड़ती है। ऐसे में मरीज के पास एक्सरे फिल्म नहीं होने की वजह से बाहर चिकित्सक से परामर्श कराने के लिए निजी केंद्र से एक्सरे कराना पड़ेगा। या फिर चिकित्सक की सहमति लेने के बाद कंप्यूटर पर दिखाई दे रहे एक्सरे की फोटो मोबाइल में लेनी पड़ेगी।

तीन लाख रुपये का सालाना फायदा होगा सरकार को

एक एक्सरे फिल्म कम से कम 61 रुपये की है। एलएनजेपी अस्पताल में हर रोज 70 से 100 मरीजों के एक्सरे होते हैं। यानी हर सप्ताह सरकार के छह हजार रुपये की फिल्म ही लग जाती हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो अकेले एलएनजेपी अस्पताल में हर माह साढ़े 24 हजार रुपये की बचत होगी। एक साल में तीन लाख रुपये की सिर्फ और सिर्फ एक्सरे फिल्म लग जाती हैं।

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