World Hepatitis Day 2021: पढि़ए इसके लक्षण और प्रकार, पानीपत में हार रहा है ये रोग
आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे है। हेपेटाइटिस को लेकर अब लोगों में जागरूकता देखने को मिल रही। पानीपत में हेपेटाइटिस बी-सी के चार साल में 3509 मरीज स्वस्थ हो गए। 105 उपचाराधीन। सिविल अस्पताल की कोविड लैब में होने लगी अब जांच!
पानीपत, जागरण संवाददाता। हेपेटाइटिस अब इंतजार नहीं कर सकता...यही थीम है इस वर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस की। क्या आप जानते हैं कि ये पांच प्रकार का होता है। इसके लक्षण से पता चल जाता है कि ये रोग हो गया है। वैसे ये रोग असाध्य नहीं है। इसे हराया जा सकता है। पानीपत के मरीजों ने इसे हराया भी है। पानीपत में करीब चार साल में 3509 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, इन्हें हेपेटाइटिस बी के भी 230 मरीज शामिल हैं। मात्र 105 मरीज उपचाराधीन हैं। अच्छी खबर यह कि अब सिविल अस्पताल की आणविक प्रयोगशाला (कोविड लैब) में आरटीपीसीआर (रियल टाइम पालिमिनरी चेन रिएक्शन) टेस्ट के साथ हेपेटाइटिस बी-सी की जांच भी होने लगी है।
सी का निशुल्क इलाज चार साल से हो रहा
जिला नोडल अधिकारी (हेपेटाइटिस प्रोग्राम) डा. श्यामलाल महाजन ने बताया कि सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस सी का निशुल्क इलाज 17 जून 2017 और हेपेटाइटिस बी का इलाज 26 जून 2020 से शुरू हुआ है। 27 जुलाई 2021 तक कुल 3614 मरीज चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 3509 मरीजों का इलाज पूरा हो चुका है, सभी स्वस्थ हैं। इस समय 105 मरीज (हेपेटाइटिस-बी के 40, सी के 65) उपचाराधीन हैं।
बी के 270 मरीज
हेपेटाइटिस-बी के अभी तक 270 मरीज चिन्हित हुए हैं। हेपेटाइटिस की पांच कैटेगरी ए, बी, सी, डी और ई हैं। पानीपत में हेपेटाइटिस सी और बी के ही मरीज हैं। डा. महाजन के मुताबिक हेपेटाइटिस का इलाज तीन माह चलता है। कुछ मरीजों का इलाज रिपीट भी किया जाता है। हेपेटाइटिस का वायरस संक्रमित स्त्री के गर्भस्थ शिशु में भी फैल सकता है। अब गर्भवती का टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
साल-दर-साल मरीजों का आंकड़ा :
2017 300
2018 975
2019 1121
2020 701
2021 515 (27 जुलाई तक)
हेपेटाइटिस के पांच प्रकार :
हेपेटाइटिस-ए : यह वायरस दूषित भोजन-पानी के सेवन से शरीर में फैलता है। लिवर में सूजन, भूख न लगना, बुखार, उल्टी व जोड़ों में दर्द रहता है।
हेपेटाइटिस-बी : यह वायरस संक्रमित रक्त, सुई या असुरक्षित यौन संबंध के जरिए फैलता है। गर्भवती महिला संक्रमित है, तो बच्चा भी ग्रसित हो सकता है।
हेपेटाइटिस-सी : हेपेटाइटिस-ए व बी की तुलना में यह वायरस ज्यादा खतरनाक है। शरीर पर टैटू गुदवाने, दूषित रक्त चढ़वाने, संक्रमित सुई के प्रयोग, शेविंग किट साझा करने से फैलता है।
हेपेटाइटिस-डी : हेपेटाइटिस-बी व सी के मरीजों में इसकी आशंका ज्यादा होती है। दूषित रक्त चढ़वाने, संक्रमित सुई के प्रयोग, सेविंग किट साझा करने से फैलता है।
हेपेटाइटिस-ई : यह वायरस भी दूषित खानपान से फैलता है। इससे प्रभावितों की संख्या देश में बहुत कम है।
हेपेटाइटिस के लक्षण :
-त्वचा और आंखों का पीला होना।
-मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाना।
-अत्यधिक थकान, उल्टी आना।
-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
-भूख कम लगना, बुखार आना।