World Day Against Child Labour: रेहड़ियों, दुकानों, ढांबों व होटलों में दम तोड़ता बचपन, कुरुक्षेत्र में दो साल में 22 नाबालिग रेस्क्यू
तमाम पाबंदियों के बावजूद बाल श्रम पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। कुरुक्षेत्र में दो साल में 22 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया है। इनके माता-पिता से भविष्य में बच्चों से बाल श्रम न कराने के शपथ पत्र लिए गए। इसके बाद ही इन्हें माता-पिता को सौंपा गया।
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। आज 12 जून यानी विश्व बाल श्रम निषेध दिवस है। हर साल 12 जून को एक अलग थीम के साथ विश्व भर में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस प्रोटेक्ट चिल्ड्रन इन कोविड-19 यानी बच्चों को कोविड-19 महामारी के दौराना बचाना है, की थीम के साथ मनाया जाएगा। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना है। इसी को सार्थक करने में जिला कुरुक्षेत्र की जिला बाल कल्याण समिति जुटी हुई है।
जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) कुरुक्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में जिलेभर के अलग-अलग स्थानों से 14 वर्ष से कम उम्र के 22 नाबालिगों को बाल श्रम करते हुए रेस्क्यू किया। सभी नाबालिगों को रेस्क्यू कर बाल आश्रमों में भेजा गया। बच्चों के माता-पिता ने बाल कल्याण समिति के चेयरमैन के सामने पहुंचकर उनके बच्चों को वापस देने की गुहार लगाई। इसके बाद एक-एक कर सभी बच्चों के माता-पिता से भविष्य में बच्चों से बाल श्रम न कराने का शपथ देकर सौंप दिया गया।
टीम समय-समय पर बच्चों के घरों का कर रही निरीक्षण
जिला बाल कल्याण समिति के चेयरमैन कृष्ण पांचाल ने बताया कि जिले में 22 नाबालिगों को उनके माता-पिता से शपथ लेकर सौंप दिया गया हैं। सभी बच्चों के घरों का पता लिया गया है। उनकी टीम के सदस्य समय-समय दिए गए पते पर जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं रेस्क्यू किए नाबालिग हाल ही में क्या कर रहे हैं, इसकी रिपोर्ट भी ले रहे हैं। अभी तक सभी बच्चे सुरक्षित हैं।
ऑपरेशन स्माइल चलाकर बच्चों को किया जाता रेस्क्यू
जिला बाल कल्याण समिति के चेयरमैन कृष्ण पांचाल ने बताया कि हर वर्ष समिति की ओर से पुलिस प्रशासन के सहयोग से आपरेशन स्माइल चलाया जाता है। जिसमें रेहड़ियों, दुकानों, ढांबों व होटलों में 14 वर्ष की आयु से कम के नाबालिगों को रेस्क्यू किया जाता है। वहीं संचालकों पर जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। एक्ट के तहत जुर्माना व जेल का प्रावधान है।
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