लॉकडाउन के डर से घर लौट रहे श्रमिक

कोरोना संक्रमण बढ़ने का प्रवासी श्रमिकों पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है। गेहूं कटाई हो जाने और फैक्ट्रियों में काम घटने से श्रमिक रोजगार को लेकर चिंतित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:39 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:39 AM (IST)
लॉकडाउन के डर से घर लौट रहे श्रमिक
लॉकडाउन के डर से घर लौट रहे श्रमिक

जागरण संवाददाता, समालखा : दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद से श्रमिकों में घर वापसी की होड़ लगी है। इसके लिए वह दोगुना किराया तक दे रहे हैं। बसों में क्षमता से अधिक सवारियां भरकर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

कोरोना संक्रमण बढ़ने का प्रवासी श्रमिकों पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है। गेहूं कटाई हो जाने और फैक्ट्रियों में काम घटने से श्रमिक रोजगार को लेकर चिंतित हैं। हालांकि सरकार श्रमिकों को कोई दिक्कत न होने देने का दावा कर रही है। इसके बाद भी श्रमिक घर पर शादी व अन्य उत्सव होने का बहाना कर घर लौट रहे हैं। ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलने से निजी बस सेवा का सहारा ले रहे हैं। वह परिवार और सारा सामान लेकर जा रहे हैं।

बस कर्मचारी कर रहे मनमानी

बिहार के मधुबनी वासी रविद्र कुमार ने बताया कि पिछले लॉकडाउन के दौरान घर वापसी में बहुत परेशानी हुई थी। कोरोना के बढ़ते असर से दोबारा लॉकडाउन की आशंका है। उसके घर में अगले माह शादी है, जिससे वह कुछ पहले जा रहा है। बिरेंद्र साहू ने बताया कि बिहार का किराया पहले एक हजार रुपये था। दिल्ली में लॉकडाउन के बाद इसे बढ़ाकर 1800 से दो हजार कर दिया गया। राजू ने बताया कि बस मालिक दोगुना किराया लेने के बावजूद अलग से प्रति सामान सौ रुपये ले रहे हैं, जो गैरवाजिब है।

घर पहुंचने का नहीं समय

यात्रियों ने बताया कि अभी बस बिहार से आई है। पहले यह घरौंडा जाएगी। वहां से लौटते समय पानीपत में भी सवारी बैठेगी। फिर बिहार के लिए रवाना होगी। यह कब घर पहुंचाएगी इसका समय निश्चित नहीं है, लेकिन जिला मुख्यालय तक पहुंचाने की बात कर्मचारी से हुई है। ट्रेन में आरक्षण नहीं मिलने से उसके पास अन्य विकल्प नहीं है। गोपालगंज के टेकराम ने बताया कि मजबूरी में बिचौलिया के माध्यम से तीन साथियों के 5400 रुपये में टिकट लिए हैं।

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