Wooden Crates Scam: करनाल में हैफेड में वुडन क्रेट्स निर्माण को लेकर करोड़ों रुपये का घोटाला, छह माह बाद भी कार्रवाई नहीं

सरवण पालिंथ प्लांट करनाल में प्राप्त उक्त वुडन क्रेट्स की जांच के दौरान निर्धारित मानक मानदंडों को पूरा न करने और वांछित वजन भी पूरा नहीं था। लेखा परीक्षा अधिकारी हैफेड पंचकूला के आदेश पर तरावड़ी निसिंग में वुड्न क्रेट्स का आंशिक तौर पर निरीक्षण किया गया।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 03:11 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 03:11 PM (IST)
Wooden Crates Scam: करनाल में हैफेड में वुडन क्रेट्स निर्माण को लेकर करोड़ों रुपये का घोटाला, छह माह बाद भी कार्रवाई नहीं
क्रेट्स की संख्या, हलकी लकड़ी के अलावा कम कीलों का प्रयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, करनाल। हैफेड में वुडन क्रेट्स निर्माण के दौरान 2.57 करोड़़ रुपये का घोटाला सामने आया है। वर्ष 2018-19 से 2020-2021 के दौरान करनाल-असंध में निर्धारित मापदंडों के आधार क्रेट्स निर्माण नहीं किया गया है। क्रेट्स की संख्या, हलकी लकड़ी के अलावा कम कीलों का प्रयोग किया गया है और निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी सदस्यों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हुए हैं। को-आपरेटिव सोसायटी हैफेड पंचकूला की आडिट टीम ने अप्रैल 2021 में जांच पूरी कर विभाग को सौंपी है। छह माह बाद भी विभाग के अधिकारी अभी तक कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। घोटाले का खुलासा होने के बाद दो बार जिला हैफेड प्रबंधकों का तबादला हो चुका है लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक जांच चल रही है।

आठ माह की जांच में खुली घोटाले की परतें

आडिट टीम सदस्य ने बताया कि क्रेट्स में दीमक निरोधी प्रक्रिया न करना, समिति या हैफेड का मार्का न होना, बल्लों की लकड़ी में गांठें, क्रेट में बल्लों कम संख्या व लम्बाई कम होने के संदेह पर को-आपरेटिव सोसायटी हैफेड पंचकूला ने जांच शुरू की तो गबन की परतें खुलती चली गई। 20.08.2020 से शुरू हुई जांच में आठ माह के दौरान वर्ष 2018-19 से 2020-21 के दौरान वुडन क्रेट्स को भंडारण में प्रयोग के लायक नहीं माना गया। असंध व करनाल के हैफेड अधिकारियों से पूछताछ की गई। बता दें कि जांच के दौरान हैफेड मुख्यालय की तरफ से 05.02.2013 को जारी पत्र में क्रेट्स निर्माण के लिए निर्धारित मापदंडों को आधार बनाया गया है।

कमजोर क्रेट्स पर सवाल न उठाने वाली निरीक्षण कमेटी पर संदेह

सरवण पालिंथ प्लांट करनाल में प्राप्त उक्त वुडन क्रेट्स की जांच के दौरान निर्धारित मानक मानदंडों को पूरा न करने और वांछित वजन भी पूरा नहीं था। लेखा परीक्षा अधिकारी हैफेड पंचकूला के आदेश पर तरावड़ी, निसिंग में वुड्न क्रेट्स का आंशिक तौर पर निरीक्षण किया गया, जिनमें खामियों के बावजूद केंद्रों पर बिना निरीक्षण रखवा दिया गया। इसके अलावा निरीक्षण कमेटी की ओर से किसी तरह का एतराज न प्रस्तुत करने के कारण घोटाले का संदेह पैदा हो जाता है।

निर्माण के दौरान मेटिरियल का नहीं मिला रिकार्ड

मुख्यालय निर्धारित कमेटी द्वारा उचित प्रक्रिया न अपनाने के साथ-साथ हैफेड करनाल कार्यालय के कर्मचारी व निरीक्षण कमेटी की ओर से की ओर से क्रेट्स निर्माण संबंधी रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवाया जा सका। 27282 क्रेट्स में पाई गई कमियों के दौरान लगभग 25 लाख रुपये की कील न लगाकर विभाग को चूना लगाने की बात सामने आई है। वुड्न क्रेट्स में 5 गुणा 5 की बजाए ऊपर पांच व नीचे चार लकड़ी के बल्ले लगाए गए और मोटाई व लम्बाई भी निर्देशानुसार सही नहीं पाई गई। लकड़ी में दीमक लगे होने के साथ-साथ 29 कीलों की बजाए 17 से 25 कीलों का प्रयोग किया गया। निर्धारित मापदंड के अनुसार एक क्रेेट में 29 कीले प्रयोग में आती हैं जिनका वजन लभभग 700 ग्राम व लम्बाई लगभग 08 इंच होती है।

जिला अधिकारी अभी तक कर रहे जांच की बात

हैफेड जिला डीएम अनिल अहलावत ने बताया कि कार्यालय में उनकी नियुक्ति अभी हुई है और धान खरीद में व्यस्त हैं। वुडन क्रेट्स मामले की जानकारी है लेकिन किसी तरह की कार्रवाई पर अभी स्पष्ट नहीं सकता हूं। वहीं जिला असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनु कौशिक ने बताया कि आडिट टीम द्वारा भेजी रिपोर्ट के आधार विभागीय स्तर पर कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है, जो भी कार्रवाई होगी स्पष्ट कर दिया जाएगा। को-आपरेटिव सोसायटी हैफेड के आडिट अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2018-19 से 2020-21 के दौरान वुड्न क्रेट्स निर्माण स्टाक देखने पर खामियों के चलते जांच की गई। जांच के दौरान वुड्न क्रेट्स निर्माण में खामियां पाई गई और मौजूदा अधिकारी निर्माण संबंधी रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं करवा पाए थे। मिलीभगत के चलते विभाग को 2.57 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है। जांच पूरी होने के बाद हैफेड मुख्यालय सहित जिला स्तरीय कार्यालय में रिपोर्ट भेज दी गई थी।

chat bot
आपका साथी