मोबाइल ट्रांसफार्मर बढ़ाने के साथ गांव में ट्रांसफार्मर बैंक बनाएगा विभाग

उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए बिजली निगम ने लिया फैसला।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 08:55 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:55 AM (IST)
मोबाइल ट्रांसफार्मर बढ़ाने के साथ गांव में ट्रांसफार्मर बैंक बनाएगा विभाग
मोबाइल ट्रांसफार्मर बढ़ाने के साथ गांव में ट्रांसफार्मर बैंक बनाएगा विभाग

--उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए बिजली निगम ने लिया फैसला जागरण संवाददाता, समालखा : गर्मी के सीजन में धान की रोपाई के साथ लोगों द्वारा एसी चलाने पर बिजली की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में ओवरलोडिग से ट्रांसफार्मर जलने के अलावा अन्य फाल्ट के कारण उपभोक्ताओं को अघोषित कटों का सामना करना पड़ता है। अबकी बार बिजली निगम ने उपभोक्ताओं को ओवरलोडिग व ट्रांसफार्मरों के जलने से होने वाली परेशानी से बचाने का प्लान तैयार कर लिया है। निगम अधिकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र में मोबाइल ट्रांसफार्मर बढ़ाए जाएंगे। वहीं ग्रामीण आंचल के लिए ट्रांसफार्मर बैंक बनाया जाएगा। इसको लेकर करीब सोलह लाख रुपये एस्टीमेट पास भी हो चुका है। जेई कुलदीप सिंह के मुताबिक शहर में पहले 200 केवीए का एक मोबाइल ट्रांसफार्मर और ट्राली है। लेकिन कई बार दो तीन जगहों पर एक साथ ट्रांसफार्मर में फाल्ट या जलने पर परेशानी होती है। इसे देखते हुए विभाग ने दो और मोबाइल ट्रांसफार्मर ट्राली के साथ बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें एक 400 केवीए व एक 200 केवीए का होगा। इसी तरह ग्रामीण आंचल के उपभोक्ताओं की दिक्कत को देखते हुए सब डिविजन स्तर पर एक ग्रामीण ट्रांसफार्मर बैंक बना जाएगा। इसमें 100 केवीए के दो, 63 केवीए के दो और 25 केवीए का एक ट्रांसफार्मर होगा। जहां पर जरूरत होने पर उक्त बैंक से ट्रांसफार्मर ले जाकर बिना किसी देरी के वहां पर लगाया जा सकेगा। जेई का कहना है कि एक मोबाइल ट्रांसफार्मर दो दिन में आने की उम्मीद है। इसके बाद दूसरा भी जल्द आ जाएगा। मोबाइल ट्रांसफार्मर व ट्रांसफार्मर बैंक को लेकर 16 लाख रुपये का एस्टीमेट पास हुआ है।

बढ़ती जा रही है एसी की संख्या -- गर्मी से बचने के लिए उपभोक्ता एसी लगवा रहे हैं। ऐसे में हर साल उपभोक्ताओं के यहां एसी की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन उपभोक्ता अपने कनेक्शन का लोड नहीं बढ़वाते। इसलिए विभाग कागजों में लोड के मुताबिक ट्रांसफार्मर व केबल तार आदि की व्यवस्था करता है। लोड उससे ज्यादा होता है। यही अंतर ओवरलोडिग का कारण बन अघोषित कट पैदा करता है। इससे उपभोक्ता के साथ बिजली निगम को भी परेशानी होती है।

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