Wheat Sowing: सोमवार से शुरू होगा गेहूं की बिजाई का सीजन, किसान इन बातों का रखें ध्यान
गेहूं की फसल में मंडूसी (खरपतवार) बड़ी समस्या बनती है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंडूसी के नियंत्रण के लिए गेहूं की बिजाई के एक घंटे बाद ही खेत में पैंडामैथलीन का छिड़काव कर दें।
जींद, जागरण संवाददाता। गेहूं की बिजाई का सीजन सोमवार से शुरू होगा। गेहूं की अगेती बिजाई किसान 15 नवंबर तक कर सकते हैं। जींद जिले में लगभग दो लाख 17 हजार हेक्टर में गेहूं बिजाई का लक्ष्य रखा हुआ है। वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से बीजोपचार व फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर सीडर के इस्तेमाल करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सुपर सीडर का इस्तेमाल कर किसान फसल अवशेषों के बीच में गेहूं की बिजाई कर सकता है। इससे जहां खर्च कम होगा। फसल के लागत मूल्य में कमी आएगी।
मंडूसी से बचाव के लिए एक घंटे बाद पैंडामैथलीन का छिड़काव करें
गेहूं की फसल में मंडूसी (खरपतवार) बड़ी समस्या बनती है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंडूसी के नियंत्रण के लिए गेहूं की बिजाई के एक घंटे बाद ही खेत में पैंडामैथलीन का छिड़काव कर दें। ऐसा करने से खरपतवार नहीं उगेगा।
सुपर सीडर मशीन से बिजाई के ये हैं फायदे
सुपर सीडर मशीन से गेहूं की बिजाई करने से जुताई पर आने वाला खर्च घट जाता है। खाद व बीज उपयुक्त गहराई पर डलता है, मंडूसी व अन्य खरपतवारों का जमाव भी कम होता है। इस विधि से वातावरण की अनियमितताओं जैसे, अधिक ठंड, गर्मी, अधिक व कम बारिश इत्यादि के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। गेहूं पकाई तक धान की पराली खाद का रुप धारण कर लेती है, इससे खाद भी फसल को अच्छा लगता है। भूमि की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलती है।
वर्जन-
जींद हमेटी के निदेशक कर्मचंद ने बताया कि गेहूं की बिजाई के लिए मौसम अनुकूलन हो गया है। सुपर सीडर से बिजाई किसान कर सकते हैं। अच्छी फसल निकलेगी। इससे खेत की ताकत बढ़ेगी। फसल की बिजाई पर आने वाली लागत भी कम होगी। सुपर सीडर मशीन से बिजाई करने के बाद गेहूं की फसल गिरने का कम खतरा रहता है।