मौसम की मार, मार्च में तापमान बढ़ने से गेहूं का उत्पादन घटा, जानिए क्या कह रहे जींद के किसान
इस बार गेहूं की फसल में मौसम की मार देखने को मिल रही है। मार्च में तापमान बढ़ने से गेहूं को नुकसान हो गया। गेहू का उत्पादन घट गया। किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ एक से दो क्विंटल कम हो रही गेहूं की पैदावार।
जींद, जेएनएन। इस बार गेहूं की पैदावार कम हो रही है। प्रति एकड़ एक से दो क्विंटल गेहूं कम निकल रहा पिछले साल जहां 20 से 22 क्विंटल गेहूं प्रति एकड़ उत्पादन हुआ था। इस बार 18 से 20 क्विंटल गेहूं की ही प्रति एकड़ पैदावार हो रही है। किसानों का कहना है कि मार्च में गर्मी बढ़ने के कारण गेहूं का दाना सिकुड़ गया। जिससे दाने में वजन कम रह गया। मार्च में जब तापमान में बढ़ोतरी हुई और तेज गति से हवा चली, तभी कृषि विशेषज्ञों ने उत्पादन कम रहने की आशंका जताई थी।
जींद मंडी में पहुंचे विभिन गांवों के किसानों ने बताया कि मार्च में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने के कारण गेहूं की फसल समय से पहले पक गई और दाना पूरा तैयार नहीं हुआ। देखने में तो फसल अच्छी दिख रही थी। लेकिन कंबाइन से निकलवा कर मंडी में लाए तो औसतन पैदावार कम रही।
बरसात न होने के कारण सिंचाई का खर्च भी ज्यादा आया। 80 रुपये लीटर डीजल खर्च कर ट्यूबवेल से सिंचाई की। धान के भाव कम रहने से पहले ही किसान घाटे में थे। अब गेहूं का उत्पादन कम होने से बचत और घट गई। जो किसान जमीन ठेके पर लेते हैं। उनको ज्यादा नुकसान हुआ। उनके लिए जमीन की ठेका राशि के साथ फसल पर आई लागत निकाल कर बचत बहुत कम रही। जिससे इस बार जमीन के ठेके कम रह सकते हैं।
दूसरी तरफ जिन किसानों ने सरसों की फसल ली, बम्पर पैदावार और भाव अच्छे मिलने के कारण मुनाफा ज्यादा हुआ। जिससे अगले रबी सीजन में सरसों का रकबा बढ़ सकता है।
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