गेहूं के डीबीडब्ल्यू-303 बीज की जबरदस्‍त डिमांड, करनाल में कई राज्‍यों से आ रहे किसान, खासियत हैरान करने वाली

हरियाणा में गेहूं के डीबीडब्ल्यू-303 बीज की डिमांड काफी ज्‍यादा है। करनाल में रिसर्च सेंटर में इस बीज को लेने के लिए उत्‍तर प्रदेश मध्‍य प्रदेश उत्‍तराखंड और पंजाब से किसान पहुंच रहे हैं। उत्पादन अच्छा होने व प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाए जाने के कारण इसकी डिमांड अधिक।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:13 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:10 PM (IST)
गेहूं के डीबीडब्ल्यू-303 बीज की जबरदस्‍त डिमांड, करनाल में कई राज्‍यों से आ रहे किसान, खासियत हैरान करने वाली
गेहूं के डीबीडब्ल्यू 303 बीज की डिमांड।

करनाल, [प्रदीप शर्मा]। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में गेहूं के बीज का वितरण किया जा रहा है। वीरवार को बीज लेने के लिए काफी संख्या में किसान पहुंचे, जिनमें हरियाणा के साथ-साथ पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश से भी किसान भी पहुंचे। सुबह से ही बीज लेने वालों का तांता लगा रहा। संस्थान की तरफ से गेहूं की वैरायटी डीबीडब्ल्यू-303, डीबीडब्ल्यू-187 व डीबीडब्ल्यू-222 का वितरण किया जा रहा है।

किसानों की संख्या को देखते हुए प्रति किसान 10 किलोग्राम बीज दिया जा रहा है। बीज उन्हीं किसानों को दिया गया जिन्होंने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। संस्थान के निदेशक डा. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि करीब 17 हजार किसानों ने पोर्टल पर अपना बीज लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। अभी तक करीब 80 फीसद गेहूं का बीज मुहैया करा दिया गया है। तीनों वैरायटियों में सबसे ज्यादा डिमांड 303 की है। यह नई वैरायटी है और 80 फीसदी किसान इसकी डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान इस बीज से अगले साल के लिए अपना खुद का बीज तैयार कर सकेंगे। प्रगतिशील किसान अक्सर ऐसा करते हैं।

इसलिए डिमांड है डीबीडब्ल्यू 303 की

उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के लिए उत्तम है। विश्व खाद्य दिवस पर संस्थान की इस वैरायटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। उन्होंने बताया कि यह अगेती किस्म है। किसान भाई इसकी बुआई 25 अक्टूबर के बाद से कर सकते हैं। इसका औसत उत्पादन 81.2 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में 12.1 प्रतिशत है। यानि गुणवत्ता युक्त रोटी बनती है। 156 दिनों में यह वैरायटी पककर तैयार हो जाती है। खास बात यह भी है कि यह पीला, भूरा व काला रतुआ रोधी किस्म है।

पोर्टल पर करीब 17 हजार किसानों ने बीज के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। करीब 80 फीसदी बीज का वितरण किया जा चुका है। संस्थान की ओर से डीबीडब्ल्यू-303, 222 व 187 मुहैया कराया जा रहा है। देशभर से किसान में बीज लेने के लिए संस्थान में पहुंच रहे हैं। बीज की उपलब्धता जब तक है तब तक किसानों को मुहैया कराया जाएगा। डीबीडब्ल्यू-303 की मांग अधिक है, इसलिए प्रति किसान 10 किलोग्राम की उपलब्ध कराया जा रहा है। अन्य वैरायटियां भी अच्छी हैं।

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