हरियाणा में एक दशक में सबसे सूखा रहा फरवरी 2021, पश्चिमी विक्षोभों की कमी जिम्मेदार
मौसम के बदलते तेवर ने फरवरी 2021 को सबसे सूखा रखा। हरियाणा में बारिश नहीं हुई। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से इसका असर देखने को मिला। वहीं अभी अगले दस दिन तक दिल्ली एनसीआर के मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना नहीं।
करनाल, जेएनएन। देशभर में एक फरवरी 2021 बीते एक दशक में सबसे सूखा दर्ज किया गया है। जहां जनवरी 2021 में देशभर में बरसात सामान्य 17 फीसदी ज्यादा दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर फरवरी महीने में औसत से कम बरसात दर्ज की गई है। जितनी बरसात पूरे देश में फरवरी महीने में होती है उससे करीब 60 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में औसतन 23.5 मिलीमीटर बरसात होती है, जबकि इस अवधि में मात्र 7.6 मिलीमीटर बरसात हो पाई है। फरवरी महीने में सबसे अधिक बरसात उत्तर-पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत के राज्य हैं। लेकिन इन दोनों क्षेत्रों में इस साल फरवरी महीने में बहुत कम बरसात हो पाई है। ज्यादातर जगहों पर ज्यादातर समय मौसम सूखा रहा। उत्तर भारत में पूरे सर्दी के मौसम में मौसम सूखा रहा। उत्तर भारत में बारिश में कमी के लिए मुख्यतः पश्चिमी विक्षोभों की कमजोर फ्रीक्वेंसी को जिम्मेदार बताई जा रही है। फरवरी महीने में उत्तर भारत में सबसे अधिक संख्या में पश्चिमी विक्षोभ आते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और फरवरी महीने में मात्र एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आया था जिसके प्रभाव से 4 से 6 फरवरी के बीच उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा हुई थी। अगले दस दिन के मौसम पर नजर डाली जाए तो दिल्ली व एनसीआर के मैदानी क्षेत्रों में अभी बरसात की संभावना नहीं है।