Haryana weather update: आज शाम बदलेगा हरियाणा का मौसम, इन इलाकों में बरसात की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार तेज़ हवा चलने और कहीं-कहीं पर गर्जना के साथ ओले गिरने की संभावना 23 मार्च तक बनी रहेगी। इससे तापमान में कमी आने से गर्मी से राहत मिलेगी। 24 मार्च से मौसमी सिस्टम कमजोर हो जाएंगे और मौसमी हलचल काफी कम हो जाएगी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 11:44 AM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 11:44 AM (IST)
Haryana weather update: आज शाम बदलेगा हरियाणा का मौसम, इन इलाकों में बरसात की संभावना
22 मार्च को बरसात होती है तो किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

करनाल, जेएनएन। क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। देश के उत्तरी मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में 22 मार्च को बरसात की तीव्रता सबसे अधिक होगी। जब इन राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कुछ स्थानों पर 30 से 40 किमी प्रति घंटे से तेज़ हवा भी चल सकती है।

पहाड़ों पर बारिश और हिमपात तथा मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ हवा चलने और कहीं-कहीं पर गर्जना के साथ ओले गिरने की संभावना 23 मार्च तक बनी रहेगी। 24 मार्च से मौसमी सिस्टम कमजोर हो जाएंगे और मौसमी हलचल काफी कम हो जाएगी। बरसात के चलते उत्तर-पश्चिम से लेकर मध्य भारत तक बढ़ते तापमान में लगाम लगेगी और 26-27 मार्च तक ठंडी हवाओं का असर रहेगा जिससे गर्मी से मार्च के आखिर तक लोगों को राहत मिलती रहेगी। रविवार को अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय नमी की मात्रा 85 फीसदी दर्ज की गई। हवा 2.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक वाले 24 घंटे में बरसात हो सकती है।

किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार 22 मार्च को यदि बरसात होती है तो किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। क्योंकि इस समय गेहूं की फसल पक रही है। बरसात व तेज हवा से फसल गिरने की 99 प्रतिशत संभावना होती है। ऐसी स्थिति में कुछ हद तक बचाव हो सके, इसके लिए कृषि एवं कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. आदित्य प्रताप डबास ने किसानों से अपील की है कि लोग अभी फसल में पानी ना लगाएं। इस समय किसान पिछेती किस्मों में पानी लगा रहे हैं, ऐसे में वह मौसम साफ होने का इंतजार करें, उसके बाद ही सिंचाई करने का निर्णय लें।

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