मौसम का बदला मिजाज, किसानों की बढ़ी चिता, रुका धान कटाई का काम

मौसम का मिजाज बदलने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरे खींच गई है। बारिश से पक्कर तैयार फसल से लेकर बाली ले रही तक में नुकसान की संभावना है। मंडी पहुंची धान भीगी तो उसमें भी नुकसान कम नहीं होगा। वहीं बूंदाबांदी के चलते किसानों ने धान कटाई का काम भी बंद कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:20 AM (IST)
मौसम का बदला मिजाज, किसानों की बढ़ी चिता, रुका धान कटाई का काम
मौसम का बदला मिजाज, किसानों की बढ़ी चिता, रुका धान कटाई का काम

जागरण संवाददाता, पानीपत : मौसम का मिजाज बदलने से किसानों के माथे पर चिता की लकीरे खींच गई है। बारिश से पक्कर तैयार फसल से लेकर बाली ले रही तक में नुकसान की संभावना है। मंडी पहुंची धान भीगी तो उसमें भी नुकसान कम नहीं होगा। वहीं बूंदाबांदी के चलते किसानों ने धान कटाई का काम भी बंद कर दिया है।

गौरतलब है कि शनिवार रात से ही मौसम में बदलाव आ चुका था। रविवार सुबह होते होते बूंदाबांदी शुरू हो गई। दोपहर तक आसमान में बादल छाते रहे और दोपहर बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई। इससे मौसम में ठंडापन होने पर लोगों को गर्मी से भी राहत पाई।

खंड कृषि विकास अधिकारी डा. राकेश सिंह ने बताया कि बारिश अब धान की फसल के लिए नुकसानदायक है। जो धान की फसल पक्कर तैयार है। बारिश के चलते अगर वो जमीन पर गिरती है तो उससे धान की क्वालिटी में दिक्कत आएगी और इसका असर दाम मिलने पर दिखेगा। जो पकी नहीं है अगर वो भी जमीन में गिरती है तो उसमें बाली आने व दाना बनने में कमी आएगी और पैदावार पर असर पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई थी। उसमें से अब करीब 25 फीसद की कटाई हो चुकी है। इसमें 1509 किस्म की कटाई ज्यादा हुई है। हाल में 1121 व 1718 किस्म की कटाई शुरू हुई है। लेकिन मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की चिता को बढ़ा दिया है। रोकना पड़ा कटाई का काम

किसान महेंद्र ने बताया कि खेत में 1509 व 1121 किस्म की धान पक्कर तैयार है। जिसकी कटाई को लेकर लेबर भी आ चुकी थी, लेकिन मौसम बदलने के बाद शुरू हुई बूंदाबांदी के चलते कटाई रोकनी पड़ी। अगर कटाई करा दी और खेत में बारिश का पानी जमा हुआ तो फसल खराब हो जाएगी। वहीं सुरेंद्र ने बताया कि शनिवार को ही दो एकड़ धान की कटाई कराई थी, अब बूंदाबांदी हो गई। ये लंबी चली तो फसल खराब हो सकती है।

बारिश से किसान परेशान

संवाद सूत्र, बापौली : हवा और बारिश से धान की फसल जमीन पर बिछ गई है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है। किसान मदन फौजी, नरेश, रामेहर, सतबीर, संजीव ने बताया कि मौसम में अचानक गर्मी व ठंड का अहसास बढ़ रहा है और रात के समय ओस का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। जिसका सीधा असर फसलों की पकाई पर पड़ रहा है। अगर मौसम इसी प्रकार अपने मिजाज को बदलता रहा और अधिक बरसात से होती रही तो किसानों की फसलों को भारी नुकसान होगा। जिससे वो कर्जदार होने के लिए मजबूर हो जाएंगे। जिन किसानों ने जमीन पट्टे पर ले कर खेती की उनको इस बारिश से भारी नुकसान होगा।

chat bot
आपका साथी