Weather Change: जींद में सुबह से रुक-रुककर हो रही बूंदाबांदी, किसानों की बढ़ी चिंता, सता रहा फसल खराब होने का डर

बासमती 1121 और अन्य किस्मों की धान की फसल भी पक चुकी है। कुछ जगहों पर कटाई का काम भी शुरू हो चुका है। किसानों का कहना है कि अगर अब तेज बारिश होती है और हवा चलती है तो पकी फसल गिर जाएगी।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 03:15 PM (IST)
Weather Change: जींद में सुबह से रुक-रुककर हो रही बूंदाबांदी, किसानों की बढ़ी चिंता, सता रहा फसल खराब होने का डर
किसानों को खेतों और मंडियों में फसल खराब होने का डर

जागरण संवाददाता, जींद। पिछले माह हुई तेज बारिश से जिले में हजारों एकड़ फसल खराब हो चुकी है। जुलाना के कई गांवों में अभी बरसाती पानी की निकासी भी नहीं हो पाई है। दोबारा मौसम के करवट लेने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। सुबह से रुक-रुककर बूंदाबांदी हो रही है। मौसम विभाग ने सोमवार को भी बारिश की आशंका जताई है। जिससे खेत और मंडियों में फसल खराब होने का डर किसानों को है। पीआर और बासमती 1509 धान की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है।

किसानों दोबारा करनी पड़ सकती बिजाई

वहीं बासमती 1121 और अन्य किस्मों की धान की फसल भी पक चुकी है। कुछ जगहों पर कटाई का काम भी शुरू हो चुका है। किसानों का कहना है कि अगर अब तेज बारिश होती है और हवा चलती है, तो पकी फसल गिर जाएगी। जिससे फसल में काफी नुकसान होगा। किसान सरसों की भी बिजाई कर रहे हैं। बारिश से एक तरफ जहां बिजाई का काम प्रभावित होगा। वहीं जिन किसानों ने हाल के दिनों में सरसों की बिजाई की है। उसके अंकुरित होने में दिक्कत आएगी। जिससे किसानों को दोबारा बिजाई करनी पड़ सकती है।

मंडी में खरीद कार्य प्रभावित

जींद, नरवाना समेत जिलेभर की अनाज मंडियों में लाखों क्विंटल धान, कपास और बाजरे की फसल आई हुई है। सुबह बूंदाबांदी के कारण फसल में नमी बढ़ गई। अगर दिनभर बादल छाए रहते हैं और बारिश होती है, तो रविवार को फसलों की खरीद होनी मुश्किल है। किसानों ने फसलों को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल से ढका हुआ है।

किसानों को है खड़ी फसल खराब होने का डर

लगातार हो रहे मौसम के बदलाव से किसनों को खड़ी फसल खराब होने का डर है। वहीं जिन किसानों के फसल कट चुकी है और मंडी में पहुंची है वह इस बात को लेकर परेशान है कि कहीं मंडियों में पड़ उनकी फसलें खराब ना हो जाएं। इसलिए किसान इस समय मौसम में हो रहे बदलाव के कारण डर के साये में रह रहे हैं।

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