प्लाइवुड इकाइयों की मनमानी, अधिकारियों के नोटिस के बाद भी मानने को नहीं तैयार

हरियाणा के यमुनानगर में प्लाइवुड इकाइयों की मनमानी जारी है। अधिकारियों के नोटिस के बाद भी प्लाइवुड इकाइयों के संचालक मानने को तैयार नहीं हैं। प्लाईवुड इकाइयों से निकलने वाला पानी सड़कों में बहाया जा रहा है। इससे सड़क पर गड्ढे हो रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 01:22 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 01:22 PM (IST)
प्लाइवुड इकाइयों की मनमानी, अधिकारियों के नोटिस के बाद भी मानने को नहीं तैयार
हरियाणा के यमुनानगर में प्लाइवुड इकाइयों की मनमानी।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। प्लाइवुड इकाइयों के पानी की निकासी सड़कों पर हो रही है। पीड्ब्ल्यूडी अधिकारियों की कार्रवाई केवल नोटिस भेजने तक सिमट रही है। न केवल ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अधिकांश इकाइयों का पानी सीधे सड़कों पर ही छोड़ा जा रहा है। कुछ माह पहले करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़कें पानी जमा होने के कारण टूटने लगी हैं। जठलाना से लेकर शादीपुर पुल तक दर्जन भर ऐसी फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में आवागमन के दौरान भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि गत दिनों एक प्लाइवुड फैक्ट्री संचालक को पीडब्ल्यूडी ने नोटिस दिया था, लेकिन कार्रवाई यहीं बंद हो गई।

बना रखे हैं बड़े-बड़े गड्ढे

औद्योगिक क्षेत्र, अमादलपुर रोड, जठलाना-रादौर रोड व शादीपुर-गुमथला रोड पर चल रही कुछ फैक्ट्रियां परेशानी का कारण बन रही है। यहां बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर उनमें ही पानी की निकासी की जा रही है। ये ओवरफ्लो होकर पानी सड़क पर बहने लगता है। हालांकि ये सड़के कुछ समय पहले की बनाई गई थी, लेकिन पानी छोड़े जाने के कारण टूटने लगी हैं। वाहन स्लीप कर जाते हैं। सड़क पर गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र में गंदगी भी फैल रही है और आमजन को आवागमन के दौरान भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश का सीजन शुरू होते ही परेशानी और भी बढ़ जाती है।

होनी चाहिए कार्रवाई, सरकारी संपत्ति को पहुंचा रहे नुकसान

हरियाणा एंटी क्रप्शन सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयाम सिंह, राकेश कुमार, महेंद्र, राजेश व हरविंद्र का कहना है कि जिला में ऐसी औद्योगिक इकाइयों की संख्या कम नहीं है जिनका पानी सीधे सड़कों पर गिर रहा है। इससे सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंच रहा है और इन सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सड़कों पर जहां भी फैक्ट्रियां हैं, वहीं से गुजरना मुश्किल हो रहा है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी की निकासी सुनिश्चित की जानी चाहिए। यहां बने क्वाटरों से पानी सीधा सड़कों पर पानी छोड़ा जाना गलत है। पीडब्ल्यूडी को इस बारे संज्ञान लेना चाहिए। ऐसे फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। ओवरलोड के कारण सड़कें पहले ही जर्जर हो रही हैं। रही कसर औद्योगिक इकाइयां पूरी कर रही हैं।

निकासी का हो प्रबंध, हो चुके हादसे

जठलाना-रादौर मार्ग पर सड़क के किनारे बने गड्ढे पानी से लबालब हैं। दूसरी ओर भी गड्ढे हो चुके हैं। यहां कई बार वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। गत रात एक साइड में खड़े रेत से लदे ट्रक से बचाव करता हुआ बाइक सवार गड्ढे में जा गिरा। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इन क्वार्टरों से निकल रहे पानी की निकासी का समुचित प्रबंध किया जाए। ताकि आवागमन के दौरान परेशान न झेलनी पड़े।

औद्योगिक इकाइयों का पानी सड़कों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। ऐसी इकाइयों का सर्वे कर चिन्हित किया जा रहा है। इनको नोटिस भेजकर मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा। ताकि कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

राज कुमार, एक्सईएन, पीड्ब्ल्यूडी।

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