सर्दियों में भी हरियाणा व दिल्‍ली में जल संकट, हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी में पानी घटा

हरियाणा और दिल्‍ली में सर्दियों में भी पानी की समस्‍या पैदा हो सकती है। हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी मे जल का बहाव काफी कम हो गया है। हथनीकुंड बैराज पर तीन हजार क्यूसिक पानी है। पिछले 10 सालों में केवल 2017 में ऐसी स्थिति बनी थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:02 PM (IST)
सर्दियों में भी हरियाणा व दिल्‍ली में जल संकट, हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी में पानी घटा
ह‍थनीकुंड बैराज पर यमूना नदी का जलस्‍तर घट गया है। (फाइल फोटो)

यमुनानगर, जेएनएन। सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फ जमने व बरसात कम होने की वजह से हथनीकुंड बैराज में पानी का जलस्तर कम हो गया है। इससे हरियाणा और दिल्‍ली में जलसंकट का खतरा मंडराने लगा है। हथनीकुंड बैराज पर फिलहाल तीन हजार क्यूसिक पानी है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले 10 सालों में सिर्फ 2017 में ऐसी स्थिति बनी थी, जब बैराज पर इतना कम पानी हुआ। पिछले 35 साल के बाद इस बार ऐसा हुआ है कि यमुना में इस बार बरसात के मौसम में भी पानी नहीं था।

हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से निकलने वाला पानी देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा व पश्चिमी-उत्तरी उत्तर प्रदेश के जाता है। इससे पानी का संकट बना हुआ है। इस समय बैराज पर पानी काफी कम हो गया है। इससे अन्य प्रदेशों को जाने वाले पानी पर भी असर पड़ा है। हथनीकुंड बैराज को नौ हजार क्यूसिक पानी की जरूरत होती है। इसके बाद ही पानी आगे भेजा जाता है। फिलहाल यहां से दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में जाने वाले पानी की पूर्ति कराने में मुश्किल बनी हुई है।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो इस समय हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी में तीन हज़ार क्यूसिक पानी है। सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि हथनीकुंड पर पहाड़ों से पानी आता है जो प्राकृतिक प्रक्रिया है। पिछले 10 सालों में सिर्फ 2017 में ऐसी स्थिति थी जब पानी की मात्रा कम देखी गई थी। हथनीकुंड में पहले पानी दो हज़ार क्यूसिक से कम चला गया था लेकिन अब तीन हज़ार क्यूसिक तक है। पहले से कुछ सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हथनीकुंड बैराज से पांच राज्यों को पानी जाता है। सभी राज्यों में पानी छोड़ने के बाद 352 क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ा जाता है। यह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निर्धारित किया है। यहां से उत्तर प्रदेश को 1600 क्यूसिक पानी दिया जाता है, लेकिन इस समय मात्र 300 क्यूसिक ही दिया जा रहा है। दिल्ली में भी फिलहाल एक हजार क्यूसिक पानी दिया जा रहा है।

अधीक्षक अभियंता आरएस मित्तल ने बताया कि इन दिनों सर्दियों में पानी ठंडा होने की वजह से जम जाता है। बर्फ भी नहीं पिघलती। इससे पानी की दिक्कत हो गई है। अभी कुछ दिनों से जलस्तर बढ़ा है। पहले यह दो हजार क्यूसिक था। अब मौसम साफ है, तो जलस्तर बढ़कर तीन हजार क्यूसिक पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी मांग के मुताबिक जल स्तर काफी कम है।

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