समालखा अस्पताल के सवाल पर विज का जवाब, छौक्कर बोले, गलत है सूचना

कांग्रेस के विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल लगाया कि क्या ये तथ्य सही है कि समालखा का अस्पताल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। क्या ये भी तथ्य सही है कि न तो यहां आवश्यक संख्या के अनुसार चिकित्सक नियुक्त हैं और न ही एक्सरे मशीन सहित अन्य आवश्यक उपकरण हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 10:27 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 10:27 AM (IST)
समालखा अस्पताल के सवाल पर विज का जवाब, छौक्कर बोले, गलत है सूचना
समालखा अस्पताल के सवाल पर विज का जवाब, छौक्कर बोले, गलत है सूचना

जागरण संवाददाता, समालखा : समालखा से कांग्रेस के विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने विधानसभा के मानसून सत्र में सवाल लगाया कि क्या ये तथ्य सही है कि समालखा का अस्पताल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। क्या ये भी तथ्य सही है कि न तो यहां आवश्यक संख्या के अनुसार चिकित्सक नियुक्त हैं और न ही एक्सरे मशीन सहित अन्य आवश्यक उपकरण हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जवाब दिया कि चिकित्सकों के 13 पद स्वीकृत हैं, छह नियुक्त हैं। सक्शन मशीन, ईसीजी मशीन, मल्टीपैरा मानीटर, रेडियंट वार्मर, नेब्युलाइजर, आक्सीजन कंसंट्रेटर चालू हालत में हैं। एक्सरे मशीन खरीद की प्रक्रिया चल रही है। इस जवाब पर छौक्कर ने कहा कि मंत्री की सूचना गलत है। सीएमओ ने बताया है कि 14 पद स्वीकृत हैं। इनमें से तीन ही कार्यरत हैं। डीजी हेल्थ ने कहा है कि डेंटल डाक्टर नहीं है। बता दें कि छौक्कर ने विधानसभा सत्र में सवालों की झड़ी लगा दी। सवाल : यमुना नदी के साथ लगती हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा, दोनों राज्यों के बीच सदा विवाद का कारण रही है। समझौता अनुसार, करनाल तक पिलर कब तक खड़े कर दिए जाएंगे?

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला : यमुनानगर जिले में कोई सीमा विवाद नहीं है। करनाल में गांव भड़ी को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिया गया है। 20 बाउंड्री पिलर लगाए जाने हैं। यमुना नदी में पानी की गहराई के कारण छह बाउंड्री पिलर स्थापित नहीं किए जा सकते। पानीपत में पांच रेफरेंस पिलर, 91 सबरेफरेंस पिलर तथा 423 बाउंड्री पिलर स्थापित होंगे। निशानदेही पर होने वाले खर्च के संबंध में भारतीय सर्वेक्षण विभाग को अनुरोध किया गया है। सोनीपत में 347 पिलर लगाए जाने हैं। फरीदाबाद में 162, पलवल में 771 पिलर लगेंगे। सवाल : यमुनानगर-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण कब तक शुरू होगा?

दुष्यंत चौटाला : ऐसे निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। सवाल : क्या समालखा में लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस का निर्माण प्रस्तावित है?

दुष्यंत चौटाला - नहीं। सवाल : सनौली खुर्द में नई अनाजमंडी का निर्माण कब तक शुरू होगा?

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल : सनौली खुर्द में नई मंडी का निर्माण सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। इस समय 15 कनाल, 13 मरले पर खरीद केंद्र चल रहा है। सवाल : चीनी मिल का निर्माण कब तक पूरा होगा, क्या काम धीमी गति से चल रहा है?

सहकारिता मंत्री डा.बनवारी लाल : नई सहकारी चीनी मिल का कार्य नवंबर 2021 तक पूरा होगा। सवाल : गांव मनाना में उपरि पुल को क्या स्वीकृति मिल चुकी है, यह कब तक बनेगा?

दुष्यंत चौटाला : यह कार्य एजेंसी को सौंप दिया गया है, जनवरी 2022 तक निर्माण पूरा हो सकता है। सवाल : यमुनानगर-बिलासपुर सड़क पर पुल निर्माण कार्य को शुरू हुए आठ वर्ष हो गए हैं, अब तक कार्य पूरा नहीं हुआ, ऐसा क्यों, कब तक काम होगा? दुष्यंत चौटाला : इस सड़क पर कोई बड़ा पुल नहीं बनाया जा रहा। समालखा विधानसभा क्षेत्र में बिलासपुर गांव के पास यमुना नदी पर एक बड़ा पुल निर्माणाधीन है। यमुना पुल से समालखा, आट्टा, बिलासपुर, खोजकीपुर गांवों को उत्तर प्रदेश के टांडा, नागल, कुर्डी गांवों को जोड़ा जाएगा। इसके निर्माण की अवधि 31 जुलाई 2022 तक है। सवाल : आइटीआइ को चुलकाना में बनाना था, कब तक निर्माण शुरू होगा

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा : निजी कंपनी ने यह काम शुरू नहीं किया। इसके लिए कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। निर्माण कार्य शुरू होने की समय सीमा बारे कहा नहीं जा सकता। सवाल : क्या समालखा का बस स्टैंड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, लंबे समय से बसों का ठहराव भी बंद हो गया है। अगर ये सही है तो बस अड़डे को कब तक चालू करेंगे?

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा : बस अड़डा समालखा सुचारू है। पुल के निर्माण की अवधि में बसों का ठहराव कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। वर्तमान में यह बस स्टैंड संचालन में है। प्रमोद विज ने जेडएलडी का मुद्दा उठाया

पानीपत शहर से विधायक प्रमोद विज ने जीरो लिक्वड डिस्चार्ज यानी जेडएलडी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 1600 करोड़ खर्च होंगे। अगर यह प्रोजेक्ट स्वीकृत होता है तो पानी की बचत होगी। पानी का दोबारा से उपयोग हो सकेगा। जमीन से बार-बार पानी नहीं निकालना होगा। पानीपत टेक्सटाइल इंडस्ट्री है। इसलिए शहर को इसकी जरूरत है। बिना पानी के डाई सेक्टर नहीं चलेगा। डाई सेक्टर के बिना टेक्सटाइल इंडस्ट्री नहीं चल सकती।

chat bot
आपका साथी