यमुनानगर में पोल से टकराया वाहन, लाइन टूटने से सिविल अस्पताल की बिजली गुल

यमुनानगर में पोल से वाहन टकरा गया। इसकी वजह से लाइन टूट गई और यमुनानगर सिविल अस्‍पताल की बिजली गुल हो गई। बिजली जाने से मरीजों व चिकित्सकों को झेलनी पड़ी परेशानी। आपातकालीन मरीजों को भी अंधेरे में देखना पड़ा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 04:31 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 04:31 PM (IST)
यमुनानगर में पोल से टकराया वाहन, लाइन टूटने से सिविल अस्पताल की बिजली गुल
लाइन टूटने की वजह से सिविल अस्‍पताल की बिजली गुल।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। सिविल अस्पताल में चल रहे निर्माण कार्य के लिए सामान लेकर आए वाहन ने बिजली के पोल में टक्कर मार दी। जिससे पूरे अस्पताल की बिजली गुल हो गई। सबसे अधिक दिक्कत ट्रामा सेंटर में हुई। सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक अंधेरा रहा। आपातकालीन सेवाओं से लेकर ओपीडी तक प्रभावित हुई। कुछ मरीज बिजली की आपूर्ति सुचारू होने का इंतजार करते रहे, तो कुछ घंटों इंतजार करने के बाद वापस लौट गए।

मंगलवार को सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। मरीजों के साथ-साथ अस्पताल स्टाफ भी परेशान रहा, क्योंकि सुबह ही अस्पताल की आपूर्ति बाधित हो गई थी। बिजली न होने की वजह से कंप्यूटर बंद रहे। आपातकालीन मरीजों को भी अंधेरे में ही देखना पड़ा। हालांकि खिड़कियां खोली गई थी, लेकिन उनसे भी पर्याप्त रोशनी नहीं आ रही थी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सरसावा में रश्मि नाम की महिला सड़क हादसे में घायल हो गई थी। उसे सिविल अस्पताल लेकर आए। यहां पर गंभीर रूप से घायल महिला का अंधेरे में ही इलाज किया गया। बाद में उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रेफर कर दिया गया।

साढ़े चार घंटे तक रही बिजली गुल

बिजली आपूर्ति ठप्प होने पर कर्मचारियों को बुलाया गया। साढ़े चार घंटे बिजली आपूर्ति को सुचारू होने में लगा। इतने में मरीज बेहाल हो गए। सिविल सर्जन व पीएमओ कार्यालय में कंप्यूटर न चलने की वजह से स्टाफ को परेशानी नहीं हुई। वह भी कार्यालय से बाहर ही बैठे रहे। एक्सरे कराने के लिए आए मरीजों को वापस लौटना पड़ा। इसी तरह से आंखों की जांच कराने के लिए आने वाले मरीजों को भी वापस ही जाना पड़ा। सीटी स्कैन से लेकर आपातकालीन सेवा ठप्प हो गई। आपातकालीन सेवा के लिए आने वाले मरीजों की पर्ची नहीं बन सकी।

मरीज हो गए बेहाल

मंगलवार को गर्मी भी अधिक थी। जिस वजह से अस्पताल में दाखिल मरीज बेहाल हो गए। ट्रामा सेंटर में ओपीडी में बैठे चिकित्सकों को भी बिजली न होने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। गर्मी अधिक होने की वजह से वह भी उठकर बाहर आ गए थे। मेडिकल व अन्य दस्तावेज बनवाने के लिए आने वाले लोगों को वापस लौटना पड़ा।

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