कुरुक्षेत्र में सब्‍जी के दामों में आई मंदी, किसानों को नुकसान का डर

मटर के दामों में मंदी आई है। इससे सब्‍जी उत्‍पादक किसान को नुकसान का डर सता रहा है। करीब एक माह में ही 20 रुपये से 10 रुपये प्रति किलोग्राम दाम पहुंचे। सब्जी मंडी में एक से दो रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही गोभी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 05:26 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 05:26 PM (IST)
कुरुक्षेत्र में सब्‍जी के दामों में आई मंदी, किसानों को नुकसान का डर
सब्‍जी के दामों में कमी आई है।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। पिछले करीब एक माह से लगातार मटर, आलू और गोभी के दामों में आ रही गिरावट ने सब्जी उत्पादक किसानों के ठंड में भी पसीने निकाल दिए हैं। लगातार इनके दामों में आ रही गिरावट से किसानों को मोटा नुकसान होने का डर सताने लगा है। पिछले करीब एक माह पहले जहां थानेसर की सब्जी मंडी में मटर 15 से  18 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहे थे, वही अब घटकर 8 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। कुछ ऐसे ही हालत आलू और गोभी के साथ भी हैं। प्रति एक किलोग्राम मटर पैदा करने में 13 रुपये खर्च करने वाले किसान को यह आठ से 10 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचने पड़ रहे हैं। इससे में किसानों को मुनाफा तो दूर लागत भी नहीं मिल पा रही है। इस नुकसान आंकलन करते ही किसानों के माथे पर ठंड में भी पसीने आ रहे हैं।

एक से डेढ़ रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही गोभी

केवल मटर ही नहीं गोभी की भी हालत पतली हुई पड़ी है। करीब एक माह पहले जहां अनाज मंडी में फूल गोभी की 25 किलोग्राम की पैकिंग 60 से 70 रुपये में बिक रही थी, अब उसके दाम पर घटकर 25 से 40 रुपये तक आ गए हैं। सब्जी उत्पादक किसानों को मजबूरी में एक से डेढ़ रुपये प्रति किलोग्राम में अपनी गोभी बेचनी पड़ रही है। कुछ इसी तरह कर तरह का हाल आलू का भी है। एक माह पहले जिस आलू के दाम 8 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहे थे, अब वही दाम गिरकर 3 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं।

एक किलोग्राम मटर पर आता है 13 रुपये खर्च

गांव पिंडारसी के अग्रणी किसान जोगिंद्र सिंह ने बताया एक किलोग्राम मटर पैदा करने में 13 रुपये खर्च आता है। अब मटर सब्जी मंडी में 8 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। इसमें से तीन रुपये प्रति किलोग्राम तुड़वाई की मजदूरी और एक रुपये किराया देने के बाद किसान को मात्र चार रुपये प्रति किलोग्राम ही बच रहे हैं। आलू और गोभी के भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। दाम कम रहने पर सब्जी उत्पादक किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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