कुरुक्षेत्र में तीर्थ पूजन के साथ वामन द्वादशी मेले का आगाज, सजाया गया सन्निहित सरोवर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में वामन द्वादशी मेले का आगाज हो गया है। वीरवार सुबह सन्निहित सरोवर पर मेले की शुरुआत हुई। इस दौरान सन्निहित सरोवर को सजाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने पूजन से शुरुआत की।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:33 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:33 AM (IST)
कुरुक्षेत्र में तीर्थ पूजन के साथ वामन द्वादशी मेले का आगाज, सजाया गया सन्निहित सरोवर
कुरुक्षेत्र में वामन द्वादशी मेले की शुरुआत।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 25 साल बाद वामन द्वादशी मेले का शानदार आगाज हुआ। महामंडलेश्वर स्वामी गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने तीर्थ पूजन किया। स्वामी शुकदेव आचार्य ने वामन कथा का गुणगान किया। इधर भारतीय किसान यूनियन ने दंगल व कबड्डी प्रतियोगिता में खेल मंत्री संदीप सिंह का विरोध करने के फैसले को वापस ले लिया। किसान धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम होने के नाते इसका विरोध नहीं करेंगे। समारोह में दोपहर बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय पहुंचेंगे।

पवित्र सन्निहित सरोवर पर सुबह का नजारा देखने वाला रहा। दुल्हन की तरह सजा सरोवर हर किसी को आकर्षित कर रहा था। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने वामन द्वादशी पर तीर्थ पूजा की। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र पर श्रीकृष्ण भगवान ने अर्जुन को सामने कर सृष्टि को गीता का संदेश दिया था। उन्होंने कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में महाभारत के युद्ध से पहले यह संदेश दिया था। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को कर्म करने का संदेश दिया था। कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक नहीं अनेक अध्याय जुड़े हुए हैं। इनमें एक अध्याय भगवान कुरु का भी है। कुरु भगवान के नाम पर ही कुरुक्षेत्र का नाम रखा गया है। उन्हाेंने कहा कि सन्निहित सरोवर का पुराणों और शास्त्रों में भी विशेष महत्व है। इससे पहले श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान पवन शर्मा व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज का स्वागत किया। गीता मनीषी ने तीर्थ पूजन कर भ्रमण किया और बेहतर व्यवस्था होने पर सराहना की। इस मौके पर सभा के संरक्षण एडवोकेट जयनारायण शर्मा, महासचिव रामपाल शर्मा मौजूद रहे।

किसानों ने विरोध वापस लिया

वामन द्वादशी मेले पर पहली बार दंगल और कबड्डी प्रतियोगिता कराई जाएंगी। यह आयोजन खेल एवंं युवा कार्यक्रम विभाग करा रहा है। प्रदेश की कई बड़ी टीम और पहलवान दंगल में पहुंच गए हैं। खेल मंत्री संदीप सिंह को कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना पर भारतीय किसान यूनियन ने विरोध की रणनीति तैयार कर ली थी। भाकियू के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार कलाल माजरा ने वीरवार सुबह एक वीडियो संदेश जारी किया। उनको बताया गया कि खेल मंत्री संदीप सिंह दंगल और कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ नहीं करेंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय दोपहर बाद समारोह में शामिल होंगे। खेल मंत्री संदीप सिंह उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन ने विरोेध को वापस लिया। भाकियू ने इन सबके बीच दंंगल व कबड्डी कार्यक्रम में नजर रखे हुए हैं।

वामन द्वादशी की यह है कथा

दैत्यराज बलि को खुद पर घमंड हो गया था। इसको चूर करने के लिए भगवान विष्णु भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को माता अदिति के गर्भ से अवतार लिया और ब्रह्मचारी ब्राह्मण का रूप धारण कर राजा बलि के पास पहुंचे। उन्होंने राजा बलि से ढाई पग जमीन मांगी। राजा बलि इस पर हंसने लगे। इसी पल विष्णु भगवान ने अपना विराट रूप धारण किया और दो पग में ब्रह्मांड को नाप दिया। राजा बलि से बाकी आधा पग की जमीन मांगी तो उन्होंने अपना सिर आगे कर दिया। भगवान विष्णु ने उनको माफ कर दिया।

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