यमुनानगर में मरीज की मौत पर हंगामा, ऑक्सीजन खत्म होने का परिजन लगा रहे आरोप
यमुनानगर में मरीज की मौत होने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से मरीज की मौत हो गई। वहीं डॉक्टर का कहना है कि मरीज की ऑक्सीजन लेवल काफी कम थी। उसे दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा गया था।
यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में 61 वर्षीय हरप्रीत कौर की मौत पर हंगामा हो गया। स्वजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से उनके मरीज की मौत हुई है। डाक्टरों ने लापरवाही बरती। जब मरीज को अस्पताल में लेकर आए, तो वह कार से उतरकर पैदल ही अस्पताल में पहुंची। डाक्टरों ने इलाज शुरू किया। इस दौरान ऑक्सीजन खत्म हो गई। जिस पर डाक्टरों ने सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए कह दिया। जबकि अस्पताल में सिलेंडर रखा हुआ था।
भारतसेवक नगर निवासी मनवीर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी का इलाज निजी अस्पताल से चल रहा था। बेड न होने पर उन्हें घर पर ही रखा गया था। रविवार को हालत खराब हुई, तो डाक्टर से बात की। डाक्टर ने अस्पताल लेकर आने के लिए कहा। यहां पर लेकर आए, तो पहले एक्सरे कराया। उसे एडमिट कर लिया। थोड़ी देर बाद कहने लगे कि कही और अस्पताल में ले जाओ। बाद में कहने लगे कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। आरोप है कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं थी, तो फिर यहां मरीज को क्यों बुलाया। मरीज की मौत होने पर स्वजनों ने हंगामा किया। जिस पर पुलिस पहुंची और स्वजनों को समझा बुझाकर शांत किया।
गलत आरोप हैं, मरीज का बेहतर इलाज किया
अस्पताल के डाक्टर रविंद्र का कहना है कि यह गलत आरोप हैं। मरीज 15 दिन से बीमार था। उसके फेफड़े खराब हो चुके थे। ऑक्सीजन लेवल 35 फीसद था। मरीज के स्वजनों को बता दिया था कि यहां पर वेंटीलेटर नहीं है। इसलिए किसी दूसरे अस्पताल में लेकर जाओ। स्वजनों ने अनुरोध किया, तो उन्हें बता दिया गया था कि दूसरे अस्पताल में पता कर लो। जब वेंटीलेटर नहीं मिल जाता, तब तक मरीज को यहां रख लेते हैं। उसको ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया। बीच में ऑक्सीजन खत्म हुई, तो नीचे से सिलेंडर दूसरा मंगवाया। मरीज की हालत ऐसी थी कि वह पांच मिनट भी बिना ऑक्सीजन के नहीं रूक सकता था। खुद मैंने व टीम ने जो भी बेहतर इलाज हो सकता था। वह किया, लेकिन मरीज की हालत बेहद खराब थी।
शिकायत के आधार पर कार्रवाई करेंगे
अर्जुन नगर चौकी इंचार्ज सतपाल ने बताया कि अस्पताल में महिला मरीज की मौत हो गई थी। मरीज के स्वजन डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उन्हें समझा बुझाकर शांत किया गया। अभी कोई शिकायत नहीं आई है। जो भी शिकायत आएगी। उसके अनुसार कार्रवाई कर दी जाएगी।