पानीपत नगर निगम हाउस की बैठक में दलालों पर हंगामा

सदन की बैठक आगे नहीं चलने देंगे। शोर बढ़ता देख शहर से शहर विधायक प्रमोद विज सीट से उठकर बोले पानीपत नगर निगम ने हमारा नाम डुबोकर रख दिया है। हम बहुत तंग आ चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:03 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 06:03 AM (IST)
पानीपत नगर निगम हाउस की बैठक में दलालों पर हंगामा
पानीपत नगर निगम हाउस की बैठक में दलालों पर हंगामा

जागरण संवाददाता, पानीपत : लघु सचिवालय में बुधवार को नगर निगम हाउस की बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने दलालों का मुद्दा उठाते हंगामा शुरू कर दिया। पार्षदों ने यहां तक कह दिया कि जब तक दलालों और निगम के आरोपित कर्मचारियों पर केस दर्ज नहीं होगा, तब तक सदन की बैठक आगे नहीं चलने देंगे। शोर बढ़ता देख शहर से शहर विधायक प्रमोद विज सीट से उठकर बोले, पानीपत नगर निगम ने हमारा नाम डुबोकर रख दिया है। हम बहुत तंग आ चुके हैं।

बता दें कि दैनिक जागरण ने बुधवार को प्रकाशित अंक में खबर ब्रेक करके बता दिया था कि शाम छह बजे निगम कार्यालय में दलाल सक्रिय हो जाते हैं। उसी मुद्दे पर पूरी बैठक केंद्रित हो गई। सवाल पर सवाल दागे जाने से निगम कमिश्नर डा. मनोज कुमार इतने खफा हुए कि बैठक छोड़कर ही चले गए। विधायक प्रमोद विज ने कहा, यह ठीक नहीं हुआ। मन खट्टा हो गया।

आयुक्त चले गए, पर चलती रही बैठक

आरोप-प्रत्यारोप के बीच आयुक्त बैठक को स्थगित करने के निर्देश देकर चले गए। इसके बाद मेयर अवनीत कौर की अध्यक्षता में बैठक चलती रही। आयुक्त और अन्य अधिकारियों के मीटिग छोड़कर जाने के बाद प्रोसिडिग का काम मेयर के सचिव दिलावर को दिया गया।

दो अधिकारियों के खिलाफ निदा प्रस्ताव

-पार्षदों के सवाल के जवाब न देकर मीटिग को छोड़ जाने पर आयुक्त डा. मनोज कुमार के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास किया गया।

-हाउस की मीटिग में चीफ इंजीनियर का मुद्दा रखा गया। मीटिग में चीफ इंजीनियर के न आने के कारण उनके खिलाफ निदा प्रस्ताव पारित किया गया।

टेंडर रद कर दोबारा करवाने का प्रस्ताव पारित

निबरी डंप स्थल पर 2009 से 2018 के बीच पड़े पुराने कूड़े को अलग करने के टेंडर को रद कर दोबारा टेंडर करवाने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह मुद्दा पार्षद लोकेश नांगरू ने रखा। उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वर्क आर्डर के मुताबिक 7 अप्रैल तक यह कार्य पूरा हो जाना चाहिए। एनजीटी के दिशा-निर्देशों का भी पूरा नहीं किया गया। 300 टन कूड़ा हर रोज साफ होना था। वहां कोई कार्य तीन महीने में नहीं किया गया। मेयर के नेतृत्व में पार्षदों ने मौके विजिट किया। उसके बाद जेबीएम कंपनी जिसने ठेका लिया हैं वहां अस्थायी रूप से कार्य शुरू किया है। सात अप्रैल के बाद ठेकेदार भुगतान ले जाएगा। कूड़ा अलग नहीं होगा। इसीलिए इसे रद्द कर दोबारा टेंडर करने का प्रस्ताव है। सभी पार्षदों ने इसे पारित कर दिया।

पार्षदों ने यह उठाए सवाल

-बिना हाउस के संज्ञान में डाले 27.73 करोड़ का टेंडर कैसे कर दिया गया।

-पहले मीटिग में यह मामला रखा गया था उस समय 47 करोड़ का टेंडर था। जिसका विरोध हुआ था। अब इसे 20 करोड़ कम कैसे कर दिया।

-निबरी में जहां पुराना कूड़ा पड़ा है उसके ऊपर जेबीएम ने नया कूड़ा डाल दिया है। इसे अलग कैसे करेंगे।

-कूड़े के ऊपर टाइल की फैक्टरी लगी हुई है।

आयुक्त के जवाब

इस मामले में हमने प्रयास किया। डायरेक्टर स्तर पर यह टेंडर हुए हैं। सबसे कम 658 रुपये टन का टेंडर पानीपत का हुआ है। एनजीटी के निर्देश पर प्रदेश सरकार के स्तर पर यह सभी जिलों में कार्य होना है। अंबाला यमुनानगर, करनाल में तो 958 रुपये प्रति टन का टेंडर है।

यह वैल्युवेशन 27 करोड़ है। जितना कूड़ा उठेगा उसके हिसाब से भुगतान होगा। इसके लिए एसडीओ,जेई की ड्यूटी जांच करने पर लगाई है। बिजली का कनेक्शन देरी से मिलने के कारण प्रोजेक्ट देर से चालू हुआ है। वहां सीसीटीवी कैमरे, धर्मकांटा लग चुका है। इसकी कनेक्टिविटी निगम कार्यालय में की जा रही है। यहां बैठकर इसे देखा जा सकेगा। नहीं आए चीफ इंजीनियर, कटारिया ने उठाया मुद्दा

पार्षद अशोक कटारिया ने चीफ इंजीनियर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वे जानबूझ कर मीटिग में नहीं आए। कल तक वे ड्यूटी पर तैनात थे। अब कहा जा रहा है कि वे बीमार हैं। कटारिया ने बताया कि किस तरह से चीफ इंजीनियर ने गलत तरीके से पदोन्नती ली है। उनका यहां से तबादला किया जाए। गलत पदोन्नती लेने पर कार्रवाई की जाए। सदन उनके खिलाफ निदा प्रस्ताव पास करता है। सभी पार्षदों ने प्रस्ताव पारित किया।

प्रापर्टी टैक्स के सरलीकरण का मुद्दा पास

निगम पार्षदों ने प्रापर्टी आइडी बनाने व प्रापर्टी टैक्स बिल ठीक करने के प्रोसेस के सरलीकरण के प्रस्ताव को पारित कर दिया। मेयर और पार्षदों ने इस मुद्दे पर लोगों की परेशानियां गिनवाई। विधायक ने भी कहा कि हम शर्मिदा हैं। लोग चक्कर काट रहे हैं।

आयुक्त ने पूछा कि इस मुद्दे को कैसे हल किया जाए। हाउस जैसे कहेगा करेंगे। विधायक विज ने कहा कि छह सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। जो विचार करके इस समस्या के हल के लिए सुझाव दे। इसके बाद मेयर अवनीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट, डिप्टी मेयर रविद्र, पार्षद लोकेश नागरू, पार्षद अशोक कटारिया, पार्षद संजीव दहिया, पार्षद रविद्र भाटिया को कमेटी में शामिल किया गया।

बाकी मुद्दे नहीं रखे जा सके

हाउस की मीटिग में वार्डो पार्षदों के विकास संबंधी मुद्दे नहीं रखे जा सके। बाकी मुद्दे अगली मीटिग में रखे जाएंगे। बजट भी रखा जाना था। अधिकारी बजट प्रस्ताव भी तैयार करके लाए थे। हालांकि बजट पहले एजेंडे में शामिल नहीं था। विधायक-पार्षद और आयुक्त में कुछ इस तरह हुआ संवाद

विधायक ने कहा- जनता गालियां दे रही है

निगम कमिश्नर - आप शिकायत दीजिए। कार्रवाई होगी। वैसे आपको बता दूं कि निगम कर्मचारी ने भी मारपीट का केस दर्ज कराया है।

विधायक - एक मिनट कमिश्नर साहब। यह काउंटर शिकायत है। बचने के लिए ऐसा किया गया है।

पार्षद लोकेश नांगरू- जब तक दलालों, कर्मचारियों पर केस दर्ज नहीं होगा, तब तक सदन नहीं चलने देंगे।

पार्षद रवींद्र भाटिया- विधायक जी मैं आपको उदाहरण दे रहा हूं। हमारी सरकार आम आदमी को घर पर सेवा देना चाहती है। एक व्यक्ति ने 27 अक्टूबर को फाइल जमा कराई। उनका नक्शा भी पास है। रिकार्ड में गलती हो गई विभाग की वजह से। वो आदमी अफसरों के पास चक्कर पर चक्कर काट रहा है। एक मार्च को काम करने से इन्कार कर दिया गया। बाद में दबाव हुआ तो अफसर ने काम कर दिया। शहर की सरकार की क्या इज्जत रखी।

पार्षद लोकेश नांगरू - कमिश्नर साहब। ये जनता नहीं छोड़ेगी आपको। डीएमसी साहब, ये फोटो देख लो। घर बैठ कर काम कर रहे हैं।

विधायक विज - लोग बहुत तंग हैं। तीन आदमियों की कमेटी बनाओ। छह लोग कमिश्नर साहब के साथ बैठ जाओ। कोई ऐसा सिस्टम बनाओ, जिससे पब्लिक को परेशानी न हो।

लोकेश नांगरू- कार्रवाई क्या करनी है, ये तो कमिश्नर तय करेंगे। ये देखो, रात साढ़े दस बजे वाटसएप पर चैट होती है। ये आइडी ऑनलाइन करा दो। रात को दस बजे भ्रष्टाचार का धंधा चलता है। और किस तरह दलालों को पकड़कर लाएं। अंसल के अंदर डेवलपमेंट चार्ज नहीं है। रिकू जेई कहता है कि मुझे नहीं पता था। जब मैंने विरोध किया तो मेरे जानकार की रजिस्ट्री हो गई। आम आदमी कहां जाए।

आयुक्त- फैसिलिटी सेंटर बना देंगे। आप सुझाव दें। हाउस टैक्स पोर्टल में दिक्कत है। तीन महीने में मैं भी इसका समाधान नहीं कर सका हूं। अब सारी चीजें लिक हो गई है। दोनों पोर्टल भी आपस में लिक नहीं हैं। उनकी रिपोर्ट मैच नहीं कर रही।

लोकेश नांगरू- तब दस हजार रुपये देकर सारी चीजें कैसे ठीक हो जाती हैं। मॉडल टाउन वालों से 25 हजार रुपये लिए जाते हैं।

आयुक्त- ये बदमाशी है। इसी को ठीक करना है।

लोकेश नांगरू- आप एफआइआर दर्ज कराओ। सब ठीक हो जाएगा।

सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत - दहिया जी, कमिश्नर साहब जो कह रहे हैं, उसी पर काम करते हैं।

विधायक- जब कल शाम को छह बजे बिना अनुमति के काम हो रहा था तो कार्रवाई होनी ही चाहिए।

आयुक्त- मैं कार्यालय गया था। आज तक जितनी भी बाते सामने आई हैं, सभी की जांच होगी।

विधायक - जनता हमें गालियां निकाल रही है।

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सभी अधिकारी गलत नहीं, ये मेयर की नाकामी

-पूर्व मेयर सुरेश वर्मा ने कहा कि सदन की ठीक से चलाने की मेयर की जिम्मेदारी होती है। मेयर की नाकामी रही है। सभी अधिकारी गलत नहीं हैं।

कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्टाचारी

पूर्व मेयर और मेयर अवनीत कौर के पिता भूपेंद्र सिंह का कहना है कि नगर निगम कर्मचारी और अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जनता परेशान है। भ्रष्टाचार को मुद्दा उठता है तो अधिकारी बैठक छोड़कर चले जाते हैं। सवालों के जबाव देने चाहिये थे।

आयुक्त का मीटिग छोड़ कर जाना लोकतंत्र की हत्या

पूर्व जिला पार्षद जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि नगर निगम हाउस की मीटिग को छोड़ कर आयुक्त ने लोकतंत्र की हत्या की है। यह जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान है। हाउस की मीटिग में खुले रूप से अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और आयुक्त नगर निगम के अधिकारियों को बचाते नजर आए।

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