ऐसे भी गुरु... ऑनलाइन क्लास में होती थी दिक्कत, बच्चों के घर द्वार पर ग्रुप बनाकर बढ़ाने लगे
हरियाणा की धर्मनगरी के शिक्षकों का अनूठा प्रयास। बच्चों के घर द्वार पर समूह में पढ़ाई करवा रहे हैं। बच्चे भी खूब रुचि दिखा रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों को समस्या आ रही थी। इसे देखते हुए शिक्षकों ने यह पहल की है।
दीपक शर्मा, इस्माईलाबाद (कुरुक्षेत्र)। ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों को समस्याएं आई तो शिक्षिकाओं ने घर द्वार क्लास लगाना शुरू कर दिया। इसमेें जहां छात्र खूब रुचि दिखा रहे हैं। वहीं, अभिभावक भी बेहद खुश हैं। यह प्रयास गुरुनानक वाटिका पब्लिक स्कूल ने किया है। अब इनके प्रयासों की सराहना की जा रही है।
लॉकडाउन में स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहा था। इसमें कहीं न कहीं कमी सामने आ रही थी। स्कूल ने आसपास के कई गांवों का सर्वे करवाया। इसमें सामने आया कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान में नेटवर्क समस्या, टच फोन की कमी, ऑनलाइन क्लास में विषय को सही से नहीं समझ पा रहे थे। प्रिंसिपल लवदीप भारद्वाज ने घर द्वार क्लास का विकल्प निकाला। इसके लिए शिक्षिकाओं की टीम तैयार की। शिक्षिकाएं गांव के निश्चित स्थान पर जाती हैं और वहीं पर बच्चे पहुंचकर हाजिरी लगवाते हैं। यहां ग्रुप में बच्चों की पढ़ाई कराई जाती है।
स्कूल जैसा माहौल
शिक्षिका रंजू, निमृत, रीतू अत्री, सुदेश, लवप्रीत, कुलवंत कौर, मनप्रीत व गुरप्रीत ने बताया कि पहले छात्रों को स्कूल जैसा माहौल तैयार किया गया। इसमें खूब सफलता मिली। ऐसे में अधिक से अधिक बच्चे पहुंचने लगे। अब घर द्वार क्लासें पूरी तरह से कामयाब चल रही हैं। शिक्षिकाओं ने बताया कि कम समय में काफी सिलेब्स कराया जा चुका है। इसमें छात्रों की रूचि बहुत अधिक बढ़ी है।
फीस में 50 फीसदी की छूट : प्रिंसिपल
प्रिंसिपल लवदीप भारद्वाज ने बताया कि छात्रों को घर द्वार क्लास की पढ़ाई कराने के साथ स्कूल की फीस में 50 फीसद की छूट दी जा रही है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। यही नहीं जरूरतमंद छात्रों को किताबेें आदि जैसी हर प्रकार की संभव मदद दी जा रही है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन कमेटी और स्टाफ के सहयोग से यह सब संभव हुआ है।
बच्चों को आंखों से संबंधित समस्या
आनलाइन पढ़ाई में बच्चों को आंखों से संबंधित रोग सबसे अधिक हो गए हैं। कुछ बच्चों की तो नजरें कमजोर हो गई हैं। अभिभावक उनको चिकित्सकों के पास लेकर जा रहे हैं। इसके अलावा बच्चों में मोबाइल देखने आदत बढ़ गई है। कुछ बच्चे क्लास के बाद पूरा-पूरा दिन मोबाइल के साथ चिपके रहते हैं। वे गेम देखने में लगे रहते हैं। ऐसे में अभिभावक काफी परेशान हैं।
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