कोर्ट का अनूठा फैसला, चोरी के नाबालिग दोषी को एक साल तक करना होगा अच्छा व्यवहार
खैर चुराने व वन रक्षक से मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने अनूठा फैसला सुनाया। दोषी नाबालिग को अब एक साल तक अच्छा व्यवहार करने की सजा दी गई है। इस अवधि में अगर कोई गलत काम करता है तो दोबारा सुनवाई होगी।
जगाधरी, (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। यमुनानगर कोर्ट ने एक अनूठा फैसला सुनाया है। सरकारी ड्यूटी पर तैनात वन रक्षक से मारपीट कर वर्दी फाड़ने व खैर चोरी के मामले में सजा सुनाई गई। कोर्ट ने नाबालिग को एक साल तक अच्च्छा व्यवहार करने की सजा सुनाई है। फैसला जुनाइल जस्टिस बोर्ड की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट डा. मोहिनी की कोर्ट ने सुनाया है। पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर इस बारे में सूचना दी गई है। इस दौरान अगर नाबालिग ने कोई गलत काम किया, तो मामले की सुनवाई दोबारा शुरू कर दी जाएगी।
यह था मामला
यमुनानगर के छछरौली पुलिस ने 23 जुलाई 2019 को डारपुर ब्लाक छछरौली रेंज के वन रक्षक अजय पाल सिंह की शिकायत पर खैर चोरी करने, सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचें, मारपीट कर वर्दी फाडऩे का केस दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में अजयपाल ने कहा था कि सुबह करीब पौने चार बजे वह डारपुर जंगल क्षेत्र में ड्यूटी पर था। उसी समय कोट ब्लाक से सूचना मिली कि कुछ लोग जंगल से खैर की लकडिय़ां काटकर इसी रास्ते से जाएंगे। जिसके बाद उसने अपनी बाइक को साइड में लगा दिया और निगरानी शुरू कर दी।
चार बजे के करीब कुछ लोग जंगल से दो बाइक पर आते दिखे। बाइक पर पीछे बैठे युवकों ने कटी हुई खैर पकड़ी हुई थी। जब उसने आवाज देकर उन्हें रुकने के लिए कहा, तो उन्होंने बाइक की रफ्तार तेज कर ली। इसी बीच उनमें से एक ने कहा कि यह अकेला है। जिसके बाद वे रूक गए। उन सभी ने उसके साथ मारपीट की और वर्दी फाड़ दी। शोर मचाने पर दूसरे वन रक्षक आते दिखे। जिस कारण वे भाग खड़े हुए। इस दौरान उसने एक नाबालिग को पकड़ लिया। जिसने बाइक पर खैर के चार टूकड़े रखे हुए थे। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।