जींद के इस किसान ने परंपरागत खेती को किया बाय-बाय, अब लाखों कमाता, दूसरों को दे रहा रोजगार

जींद के किसान राजेश खेती से लाखों रुपये कमाने के लिए साथ-साथ दूसरों को रोजगार भी दे रहा है। अहिरका का उन्नतशील किसान राजेश सब्जियों की खेती कर लाखों का उत्‍पादन कर रहा। पहले परंपरागत धान-गेहूं की खेती करता था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 03:48 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 03:48 PM (IST)
जींद के इस किसान ने परंपरागत खेती को किया बाय-बाय, अब लाखों कमाता, दूसरों को दे रहा रोजगार
अहिरका गांव का उन्नतशील किसान राजेश कुमार।

जींद, [बिजेंद्र मलिक]। अहिरका गांव का उन्नतशील किसान राजेश पिछले कुछ साल से परंपरागत खेती छोड़ खेत में सब्जियां उगाकर लाखों रुपये कमा रहा है। पिछले साल दो एकड़ में तोरी की सब्जी लगाकर बेल को बांस गाड़कर रस्सियों पर चढ़ाया था। दो एकड़ में 5.70 लाख रुपये की तोरी का उत्पादन हुआ। अभी एक एकड़ में टिंडा, एक एकड़ में टमाटर लगाए हुए है। जिनका 10 दिन में उत्पादन शुरू हो जाएगा। कुछ दिन पहले एक एकड़ में तोरी और आधा एकड़ में खीरा लगाया है। राजेश के पास कुल सात एकड़ जमीन है। केवल उतने ही एरिया में गेहूं की बिजाई करता है, जितनी उसके घर में लागत है। बाकी खेत में सब्जियां उगाकर अच्छी खासी आमदनी ले रहा है। राजेश के खेत में सब्जियां उगाने, निराई-गुडाई का काम गांव व आसपास की महिलाएं करती हैं। नजदीक ही लगातार काम मिलने से इन महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है।

बाप-दादा की तरह की गेहूं-धान की खेती करता था

राजेश ने बताया कि ग्रेजुएशन करने के बाद उसने खेती करनी शुरू की। बाप-दादा की ही तरह गेहूं, धान और गन्ने की खेती करता था। इसमें कोई खास बचत नहीं होती थी। चार साल पहले सब्जी लगानी शुरू की। जिसमें गेहूं और धान की फसल से ज्यादा आमदनी हुई। सीजन के अनुसार एक समय में तीन से चार सब्जियां खेत में उगाता है। ताकि किसी एक सब्जी का भाव नहीं मिले तो बाकी में बचत अच्छी हो जाए।

अपनाते हैं तकनीक

राजेश सब्जी की खेती में भी नई-नई तकनीक अपनाता रहता है। खेत में बांस गाड़कर रस्सियां बांधकर उस पर बेल चढ़ाने से ये फायदा है कि सब्जियां खराब नहीं होती और उत्पादन भी ज्यादा होता है। इससे सब्जियों में धूल व मिट्टी नहीं लगती और मच्छर-मक्खी भी कम बैठते हैं। इससे बीमारी भी कम आती है। कीटनाशक स्प्रे नहीं करना पड़ता। सब्जी में चमक भी ज्यादा रहती है, जिससे भाव भी अच्छा मिलता है। 

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