धोखाधड़ी के मामले में आरोपित उदय दो साल बाद गिरफ्तार
मकान बेचने के नाम पर 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपित न्यू बसंत नगर के उदय को दो साल बाद पुराना औद्योगिक थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपित उदय को पुलिस ने अदालत में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया। आरोपित उदय के भाई केशव को मई महीने में पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : मकान बेचने के नाम पर 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपित न्यू बसंत नगर के उदय को दो साल बाद पुराना औद्योगिक थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपित उदय को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। आरोपित उदय के भाई केशव को मई महीने में पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कमलजीत ने बताया कि अप्रैल 2019 में राज कालोनी नई सब्जी मंडी के चरणजीत ने शिकायत दी कि सितंबर 2015 में बसंत नगर के उदय सिंह व उसके भाई केशव सिंह ने उससे मिलकर बसंत नगर में 50 वर्ग गज का मकान बेचने की पेशकश की थी। दोनों ने मकान की रजिस्ट्री की फोटोकापी दिखाने के साथ-साथ यह बताया कि मकान पर कोई लोन नहीं है। 15 लाख रुपये में मकान का सौदा तय होने के बाद उसने 10 लाख रुपए उदय सिंह को दे दिए। इकरारनामा पर केशव सिंह के बतौर गवाह के रूप मे हस्ताक्षर हैं। वही बाकी की रकम रजिस्ट्री के समय 9 मार्च 2016 को देना तय हुआ था। रजिस्ट्री का समय आने पर दोनों भाई बहाने बाजी करते हुए समय को आगे बढ़वाते रहे। पांच बार रजिस्ट्री की तारीख को आगे बढ़ाया गया। बाद में दोनों भाई कहने लगे मकान की असल रजिस्टरी गुम हो गई है। गुम रजिस्ट्री की शिकायत दर्ज करवाने की एक कापी दिखाकर रजिस्ट्री मिलने पर नाम करवाने की बात कहते हुए फरवरी 2018 मे बाकी बची 5 लाख की राशि लेकर दोनों भाइयों ने इकरारनामा फूल एंड फाइनल पेमेंट उसके हक में करा कर मकान का कब्जा दे दिया गया। इसके कुछ दिन बाद वह इस मकान को आगे बेचना चाहता था तो किसी ने उसको बताया कि इस मकान पर उदय सिंह ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड से लोन ले रखा है। उसने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के कार्यालय में जाकर पता किया तो यह बात सही पाई और उदय सिंह ने इस मकान पर करीब नौ लाख रुपये का लोन ले रखा है। मकान के असल कागजात रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पास गहने रख रखे हैं। दोनो भाई रिलायंस कैपिटल लिमिटेड़ में किस्तें भी नहीं भर रहे हैं। इस तरह से इन दोनों भाइयों ने उससे झूठ बोलकर फर्जी पुलिस रिपोर्ट दिखाकर 15 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।