कम हैं बसें, छतों पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री

रोडवेज में अब बसों की कमी साफ देखी जा सकती है। हर रोज हजारों यात्री जान जोखिम में डालकर बसों की छतों पर बैठकर सफर कर रहे है। रोडवेज प्रशासन इन बसों के सहारे ही व्यवस्था बनाने के दावे कर रहा है। लेकिन सभी दावे फेल हो रहे हैं। अब स्कूल व कालेज खुल चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 07:15 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 07:15 PM (IST)
कम हैं बसें, छतों पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री
कम हैं बसें, छतों पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री

जागरण संवाददाता, पानीपत : रोडवेज में अब बसों की कमी साफ देखी जा सकती है। हर रोज हजारों यात्री जान जोखिम में डालकर बसों की छतों पर बैठकर सफर कर रहे है। रोडवेज प्रशासन इन बसों के सहारे ही व्यवस्था बनाने के दावे कर रहा है। लेकिन सभी दावे फेल हो रहे हैं। अब स्कूल व कालेज खुल चुके हैं। लोकल रूट पर सही ढंग से बसें नहीं चल रही। इसके कारण विद्यार्थियों को भी बस के अंदर सीट नहीं मिल पाती और मजबूरी में बसों की छतों पर बैठकर सफर करना पड़ रहा है।

यहां पास-पड़ोस के हजारों बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। इन बच्चों को सफर ग्रामीण रूट की बसों से पूरा होता है। ग्रामीण रूट की बसें क्षमता से अधिक सवारियां ढो रही हैं। बस वाले दोगुनी से ज्यादा सवारियों को सफर करवा रहे हैं। ओवरलोड बसों से हर समय हादसा होने की आशंका बनी रहती है। सड़क खराब होने से परेशानी

सनौली रोड, असंध रोड की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से हादसे की आशंका ज्यादा रहती है। यात्रियों ने बताया कि सड़क पर गड्ढ़े होने से बस हिचकोले खाती जाती है। अन्य साधन नहीं होने से लोगों को मजबूरी में जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। लंबे रूट की बसों का लिया जा रहा सहारा

बसों की कमी के चलते जो विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ने के लिए शहर आते है। वह लंबे रूट बसों में छतों पर बैठकर सवारी करने को मजबूर है। जब विद्यार्थियों को बसों के अंदर भी सीट नहीं मिलती तो फिर प्राइवेट वाहन में सफर करते है। ऐसे में हर समय बड़ा हादसा होने का आंदेशा बना रहता है। रोडवेज के पास 113 बसें

पानीपत रोडवेज डिपो में अब फिलहाल 113 बसें और 25 बसें किलोमीटर स्कीम की हैं। साथ ही पांच मिनी बसों में से एक बस को छोड़ बाकी बसों को अभी तक सवारी बसों में तब्दील नहीं किया गया। यह मिनी बसें विद्यार्थियों के लिए स्पेशल चलती थी। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका। क्या कहते हैं नियम

रोडवेज बस या निजी बस में कोई भी चालक व परिचालक बसों की छतों पर बैठाकर सफर नहीं करवा सकता। अगर ऐसा होता है तो चालक व परिचालक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का प्राविधान है। अगर चालक व परिचालक के कहने के बाद भी लोग नहीं मानते तो पुलिस बुलाकर नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करवा सकते है। डिपो से सही जा रही बसें

ट्रैफिक मैनेजर पंकज पूनिया ने जागरण से बातचीत में बताया कि बसें डिपो से सही जा रही हैं। यहां लोकल रूट पर भी बसें ठीक चल रही हैं। बस की छतों पर सफर हो रहा है तो जांच करवाई जाएगी। चालक व परिचालक को कहा जाएगा कि बसों की छतों पर किसी को भी सफर न करने दें।

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