जींद में दर्दनाक हादसा, तालाब में नहाने उतरे तीन बच्चे डूबे, लोगों ने एक को बचाया, दो की मौत

जींद के गुरथली गांव की घटना। तालाब में मनरेगा के तहत गड्ढे खोदे गए थे। बारिश का पानी तालाब में भरा तो पांच बच्चे नहाने चले गए। इनमें तीन बच्चे डूब गए। शोर सुनकर तालाब के पास रह रहे लोगों ने एक को बचा लिया। उसकी हालत नाजुक है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 03:26 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 03:26 PM (IST)
जींद में दर्दनाक हादसा, तालाब में नहाने उतरे तीन बच्चे डूबे, लोगों ने एक को बचाया, दो की मौत
मनरेगा के तहत तालाब में खोदे गए गड्ढों में तीनों बच्चे डूबे।

जागरण संवाददाता, जींद। गांव गुरथली के हथो रोड पर बने तालाब में डूबने से दो बच्चो की मौत हो गई। एक बच्चे को ग्रामीणों को बचा लिया। बच्चे को उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां से पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया गया। बच्चे नहाते हुए तालाब के गहरे पानी में चले गए। पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। 

गांव गुरथली के हथो रोड पर मनरेगा के तहत तालाब की खुदाई की जा रही थी। सोमवार को हुई बारिश का पानी तालाब में भर गया। गांव का आठ वर्षीय लवप्रीत, सात वर्षीय राणा, सात वर्षीय अरमान व दो अन्य बच्चे तालाब में नहाने के लिए चले गए। शुरुआत में बच्चे तालाब के किनारे पर नहा रहे थे, लेकिन नहाते हुए तालाब के काफी अंदर चले गए। इसी दौरान मनरेगा के तहत तालाब से निकाली गई मिट्टी के बने गड्ढे में लवप्रीत, राणा, अरमान डूबने लगे। यह देख दूसरे बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया।

एक बच्चे को गांव वालों ने बचाया

चीख-पुकार सुन तालाब के पास बने मकानों से लोग मौके पर पहुंचे। यहां पर ग्रामीणों ने डूबते हुए अरमान को तुरंत ही निकाल लिया। लवप्रीत व राणा गहरे पानी में जाने के चलते काफी देर बाद पानी से निकाले जा सके। बाद में तीनों को उपचार के लिए नागरिक अस्पताल नरवाना में दाखिल करवाया गया। यहां पर चिकित्सकों ने लवप्रीत व राणा को मृत घोषित कर दिया। अरमान को गंभीर हालात में पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया। राणा के पिता राम ने बताया कि बच्चे खेलते-खेलते तालाब में नहाने के लिए चले गए। यहां पर वे डूब गए। घटना की सूचना पाकर सदर थाना प्रभारी राजकुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। 

पोस्टमार्टम करवाए बिना ही ले गए शवों को 

बच्चों को डूबने के बाद स्वजन उनको नागरिक अस्पताल में ले आए थे। जहां पर हादसे का पता चलते ही पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया था, लेकिन स्वजनों ने पुलिस को लिखित में दिया कि वह पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते। इसलिए दोनों बच्चों के शवों को ग्रामीण बना पोस्टमार्टम के घर ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।

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