ट्रैफिक पुलिस ने 28 बसें की इंपाउंड, 1600 प्रवासी श्रमिक फंसे

विनोद जोशी पानीपत इस बार लॉकडाउन लगने पर कामगारों ने घर जाने के लिए निजी बसों का सह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 07:42 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 07:42 AM (IST)
ट्रैफिक पुलिस ने 28 बसें की इंपाउंड, 1600 प्रवासी श्रमिक फंसे
ट्रैफिक पुलिस ने 28 बसें की इंपाउंड, 1600 प्रवासी श्रमिक फंसे

विनोद जोशी, पानीपत

इस बार लॉकडाउन लगने पर कामगारों ने घर जाने के लिए निजी बसों का सहारा लिया तो बस संचालकों ने इन्हें लूटना शुरू कर दिया। एक-एक बस में सौ से ज्यादा सवारियां बैठाने लगे। कई बसों के पास तो लाइसेंस ही नहीं थे। पुलिस ने जब इन बसों पर कार्रवाई शुरू की तो यहां भी कामगार ही लुट रहे हैं। बस मालिकों को किराया दे चुके ये कामगार सड़क पर बैठने को मजबूर हैं। गोद में बच्चों के आंसू थम नहीं रहे। इन्हें खिलाने के लिए भी कइयों के पास पैसे नहीं बचे। ट्रैफिक पुलिस ने 28 बसों को इंपाउंड कर दिया है। इससे करीब 1600 से ज्यादा कामगार शहर में फंस गए हैं।

बसें इंपाउंड होने के बाद कामगारों के लिए न तो रहने की व्यवस्था व न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था है। इससे श्रमिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब ये लोग यातायात थाना बाबरपुर के बाहर ही सड़क पर बैठकर वाहन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं अभी तक प्रशासन ने भी इनके लिए खाने व रहने से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं की है।

जालंधर से बैठे थे, पानीपत में फंसे

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निवासी उमेश ने बताया कि सोमवार को जालंधर से बैठे थे। यहां पानीपत में बाबरपुर यातायात थाना पुलिस ने रोक लिया और बस को इंपाउंड कर दिया। फिलहाल अब न तो खाने की व्यवस्था है और न ही रहने की कोई व्यवस्था। काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बस संचालक को पूरे परिवार को प्रतापगढ़ के लिए 1800 रुपये दिए हैं। अब उनके पास पैसे नहीं बचे हैं।

रायबरेली के लिए पांच हजार रुपये किराया दिया

रायबरेली निवासी राममिलन ने बताया कि अपने प्रदेश जाने के लिए परिवार के पांच सदस्यों के पांच हजार रुपये बस चालक को दिए हैं। अब ट्रैफिक पुलिस ने बस इंपाउंड कर दी। इससे अब बीच रास्ते में ही फंस गए हैं और यहां पानीपत शहर में कोई प्रशासनिक मदद भी नहीं कर रहा। पैसे भी खत्म हो चुके हैं। जाएं तो जाएं कहां। यहां खाने व रहने की कोई व्यवस्था नहीं है।

टूरिस्ट बसों में नहीं ले जा सकते सवारी

ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज विकास ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल के लिए अवैध रूप से सवारियों को प्राइवेट टूरिस्ट बस में ले जा रहे थे। इसके बाद नियानुसार बसों को इंपाउंड किया गया। टूरिस्ट बस सड़कों से सवारी नहीं बैठा सकती और ओवरलोड सवारियां बैठाई गई हैं, जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है।

कालोनियों में छिपा कर खड़ी करते हैं बसें

पुलिस कार्रवाई होने के बाद शातिर बस मालिक बसों को सेक्टर 25, 29 और जीटी रोड पर खड़ी करने के बजाय अब कालोनियों में छिपाकर खड़ी करते हैं। एनएफएल टाउनशिप के पास विकास नगर, अनाज मंडी, बरसत रोड पर बसों को खड़ा किया जा रहा है। बस मालिकों ने कालोनियों में गुर्गें छोड़ रखे हैं जो कि कामगारों के घर जाते हैं और उन्हें बिहार व उत्तरप्रदेश जाने का झांसा देते हैं।

मनचाहे रुपये वसूलते हैं

राज नगर के शंकर, बृजपाल, देवेश और राजन ने बताया कि वे दिहाड़ी मजदूर हैं। बिहार में अपने गांव जाना चाहते हैं। निजी बस से भेजने के लिए एक व्यक्ति ने चार दिन पहले किराया 1500 रुपये बताया था। अब वह 3000 रुपये किराया मांग रहा है। किराये के रुपये न होने पर वे गांव नहीं लौट पा रहे हैं।

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