पानीपत कंबल इंडस्‍ट्री से टूट रहे कारोबारी, मांग कमजोर पड़ने से भाव टूटे

पानीपत में कंबल इंडस्‍ट्री की रफ्तार धीरे होती जा रही है। मांग कमजोर होने से भाव भी टूट रहे हैं। वहीं अब कारोबारियों का ध्यान अगस्त से शुरू हो रहे सीजन पर। उत्पादन अधिक होने से आधा माल स्टाक में लगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:28 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:28 AM (IST)
पानीपत कंबल इंडस्‍ट्री से टूट रहे कारोबारी, मांग कमजोर पड़ने से भाव टूटे
मिंक, पोलर कंबल की मांग कमजोर होने भाव कम।

पानीपत, जागरण संवाददाता। मिंक, पोलर कंबल की मांग कमजोर होने के कारण माल का उठाव नहीं हो रहा है। उत्पादन का आधा माल उद्यमी स्टाक में लगाने पर मजबूर हैं। 50 प्रतिशत माल की ही अन्य राज्यों से डिमांड निकली है। कारोबारियों का ध्यान अब अगस्त माह से शुरू हो रहे कंबल के सीजन पर अटका हुआ है। मांग कमजोर पड़ने पर भाव में भी गिरावट देखी गई है। 180 रुपये तक बिक चुका कंबल का वर्तमान में भाव 160-65 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। अगस्त से दीपावली तक कंबल का मुख्य सीजन रहता है।

ओवर प्राडक्शन की मार

कंबल उद्यमियों का कहना है कि ओवर प्राडक्शन की मार कंबल कारोबार पड़ रही है। पानीपत कंबल उत्पादन का हब बन चुका है। पानीपत में 50 प्लांट मिंक कंबल बनाने के लग चुके हैं। औसतन एक प्लांट में 20 टन कंबल रोजाना बन रहा है। यहां 80 टन का उत्पादन करने वाले प्लांट भी लगे हुए हैं। कच्चे माल धागे के दाम तैयार माल की तुलना में अधिक होने के कारण मिंक कंबल के कुछ बड़े उद्योग बंद भी हो चुके हैं। जावी ब्रांड भी अब बाजार से गायब है। हालांकि मिंक कंबल बनाने के 15-20 प्लांट नए बाजार में आ रहे हैं।

चीन से भी कंबल की आवक चल रही है। अच्छी क्वालिटी का कंबल अभी भी चीन का पसंद किया जा रहा है। चीनी कंबल के आयातक बिकुल बिंदल ने बताया कि अभी चीन का कंबल आ रहा है, लेकिन बहुत कम काम हो रहा है।

4 महीने का काम बचा

कंबल उद्यमी सरदार प्रीतम सिंह ने बताया कि पहले आठ महीने कंबल उद्योग चलते थे। चार महीने बंद रहते थे। उसके बाद 6 महीने उद्योग बंद रहने लगे, छह माह चलने लगे। अब हालत यह पहुंच गई है कि चार माह तक उद्योग चलते हैं और आठ महीने बंद रहते हैं। भारत में एक बार कंबल खरीदने पर दो तीन साल तक बदला नहीं जाता है। पानीपत के उत्पादन की खपत तभी हो सकती है जब कंबल छह माह में बदला जाए।

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