कोरोना पॉजिटिव मरीजों के गलत नंबर और पतों ने स्वास्थ्य विभाग की बढ़ाई चिंता, नहीं हो पा रही ट्रेसिंग

कोरोना पॉजिटिव मरीजों के गलत नंबर और पते दर्ज होने से स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को परेशानी हो रही है। इससे मरीजों की ट्रेसिंग नहीं हो पा रही। संक्रमितों की पहचान करने के लिए कर्मचारियों को करनी पड़ रही मशक्कत।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 05:43 PM (IST)
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के गलत नंबर और पतों ने स्वास्थ्य विभाग की बढ़ाई चिंता, नहीं हो पा रही ट्रेसिंग
जींद में कोरेाना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।

जींद, जेएनएन। जींद में प्रतिदिन औसत 150 के करीब कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। इसमें करीब दो दर्जन कोरोना पॉजिटिव ऐसे होते हैं, जिनके पते गलत होत हैं। स्वास्थ्य कर्मी उसके द्वारा दिए गए नंबर पर संपर्क करते हैं वह भी गलत होता है या बंद मिलता है।

स्वास्थ्य कर्मियों को ऐसे लोगों की पहचान करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे मरीज इलाज के लिए न तो अस्पताल में भर्ती में हो रहे हैं, न ही होम आइसोलेशन का आवेदन कर रहे हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट पाजिटिव आते ही फोन बंद हो जा रहा है। यही नहीं, जो पता दर्ज करवाते हैं, वह भी गलत निकल रहा है। ऐसे गुमशुदा मरीजों की तलाश में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। अधिकतर लोग जब कोरोना सैंपल देने के लिए आते हैं उस समय पता में केवल जींद लिखवा देते हैं, जबकि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उसको होम क्वारंटाइन करने के साथ दवाई देने के लिए संपर्क करते हैं।

कई फोन नंबर एक बार तो मिल जाते हैं और जैसे ही पता चलता है कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है तो फोन को बंद कर लेते हैं। जब दिए गए पते पर स्वास्थ्य कर्मी जाते हैं तो उस नाम का कोई भी व्यक्ति वहां पर नहीं मिलता है। जो पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद यहां-वहां छिप रहते हैं, लेकिन तबियत बिगडऩे लगती है, तब कंट्रोल रुम में फोन कर अस्पताल या होम आइसोलेशन में इलाज की मांग करने लगते हैं।

पहले से ही कर्मचारियों की कमी

कोरोना संक्रमितों की पहचान व दवाई उपलब्ध करवाने की ड्यूटी बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मियों की है, लेकिन जिले में इन्हीं कर्मचारियों की कमी है। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारियों की तैनाती की मांग की है। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा व वित्त सचिव रणधीर चहल ने बताया कि जिले में 179 उप स्वास्थ्य केंद्र में से 37 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर पुरुष एमपीएचडब्ल्यू व दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला स्वास्थ्य सुपरवाइजर के पद अभी तक स्वीकृत नहीं हुए है। जींद शहर की सवा दो लाख की आबादी में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार के नोरम अनुसार 18 पुरुष व 22 महिला एमपीएचडब्ल्यू के अलावा चार स्वास्थ्य सुपरवाइजरों के नए पद स्वीकृत करने की आवश्यकता है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रति दिन जिला में जो काफी कोरोना के मरीज सामने आ रहे है। इनमें से 50 फीसदी

अकेले जींद शहर से होते है। शहर में नोरम के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों के पद स्वीकृत न होने से जहां शहर मे कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों पर उनके मूल कार्य के अलावा कोरोना महमारी से संबंधित कार्य का ज्यादा भार होने से उनकी कार्य कुशलता प्रभावित हो रही है, वही पर जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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