Tokyo Olympics: ओलिंपिक हॉकी मैच की हार के बाद रानी रामपाल से पिता ने की बात, बढाया हौसला
ओलिंपिक में हॉकी मैच हारने के बाद पिता ने टीम की कप्तान बेटी रानी रामपाल को फोन किया। उसका और टीम का हौसला बढ़ाया। रानी रामपाल के पिता ने कहा हारने का मलाल नहीं पूरा विश्व कर रहा प्रशंसा।
कुरुक्षेत्र,[जतिंद्र सिंह चुघ]। टोक्यो ओलिंपिक में बेशक कांस्य मेडल हाथ नहीं लगा, लेकिन सेमिफाइनल तक पहुंची बेटियों ने देश को सपनों का मेडल दिया है। यह सपना 2024 ओलिंपिक में जरूर पूरा होगा। शुक्रवार की सुबह कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन के साथ हुए मैच के हाथ से निकलते ही भारतीय महिला हाकी टीम की कप्तान रानी रामपाल के पिता ने यही बात कही।
उन्होंने कहा कि कांस्य पदक के लिए आज जो खेल बेटियों ने खेला है वह लाजवाब है, इसलिए इसे हार नहीं बल्कि बेटियों की जीत ही कहेेंगे। ओलिंपिक में हाकी का सेमिफाइनल तक का सफर नई पीढ़ी व नए खिलाडिय़ों को प्रेरित करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि आज टोक्यो ओलिंपिक के मैदान में प्रदर्शन से भारतीय हाकी की प्रशंसा पूरा विश्व कर रहा है। इससे स्पष्ट है कि देश की हाकी का स्वर्णिम युग फिर से शुरू हो गया है।
परिवार वालों ने की प्रशंसा
मैच देखने के लिए शाहाबाद की तीनों खिलाड़ियों के घर पर पड़ोसियों की भीड़ लगी हुई थी। तीनों खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों ने प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये देने की घोषणा कर बेटियों का हौसला बढ़ाया है। यह सराहनीय कदम है।
मोबाइल पर बात कर बढाया बेटी का हौसला
उन्होंने अपनी बेटी रानी से फोन पर बातचीत कर उसका और टीम का भी हौसला बढ़ाया। उन्होंने टीम को बेहतरीन खेल के लिए शाबाशी भी दी। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों से बातचीत कर उनके खेल की प्रशंसा की है और इसी तरह से पूरे देश को इन बेटियों का हौंसला बढ़ाना चाहिए, ताकि आने वाले समय में वह आगे बढ़ सकें।
मैच के बीच से सुबकते हुए उठ गई नवजोत की मां
नवजोत कौर के घर में भी मैच देख रही उसकी माता मनजीत कौर अंतिम क्षणों में सुबकते हुए टीवी के सामने से उठकर बाहर चली गई। हालांकि बाद में नवजोत के पिता सतनाम सिंह व माता मनजीत कौर ने अपनी बेटी से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया और उनके बेहतरीन खेल की प्रशंसा की।
बढ़ती-घटती रही दिल की धड़कन, देखा पूरा मैच
कप्तान रानी के पिता रामपाल ने कहा कि मैच के लिए वह तड़केे पांच बजे उठ गये थे। उन्होंने परिवार के साथ मंदिर मत्था टेका और सात बजते टीवी के सामने जम गए। उन्होंने कहा कि वह हार्ट पेशेेंट है। मैच में आए उतार-चढ़ाव से उनकी धड़कन बढ़ती-घटती रही। उन्होंने बेटियों की पीसी की मांग को जायज बताया। उन्होंने कहा कि बेटे जायदाद के वारिस बनते हैं और बेटियां बाप का गौरव बनती हैं।