Olympics Games Tokyo 2020: रात भर नहीं सोई मां, सुबह की पूजा, बेटे नीरज चोपड़ा ने सबसे आगे फेंका भाला
जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरें। क्वालीफाई राउंड में उन्होंने दम दिखाया। उनके इस प्रदर्शन से परिवार वालों में भी खुशी की लहर दौड़ गई। खंडरा गांव में बंटे लड्डू। अब सात जुलाई को होगा फाइल।
पानीपत, [विजय गाहल्याण/सुनील मराठा]। सेना के सूबेदार खंडरा गांव के 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने पहले ओलंपिक में जापान में खेलते हुए पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर भाला फेंक कर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। नीरज की इस शानदार सफलता से खंडरा गांव में स्वजनों और ग्रामीण खुशी झूम उठे। लड्डू बांटकर खुशी जताई गई। फाइनल 7 जुलाई को शाम को खेले जाएगा। नीरज की तैयारी को देखते हुए वे पदक जीतने के प्रबल दावेदार भी बन गए हैं।
चार बजे उठे स्वजन, पूजा कर देखा इवेंट
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा और अन्य स्वजन सुबह चार बजे ही जग गए थे। मां सरोज रात भर नहीं सोई। उन्होंने सुबह उठकर सबसे पहले पूजन किया। इसके बाद सारे स्वजन टीवी के सामने पांच बजे ही बैठ गए थे। जैसे ही नीरज ने पहला थ्रो किया तो पिता ने तालियां बजाई और बोले बेटे ने कमाल कल दिया। मां सरोज ने पति व अन्य स्वजनों को लड्डू खिलाए। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। ग्रामीणों की भी नीरज के घर बधाई देने के लिए तांता लगा रहा।
बेटे ने मेहनत खूब की थी, अब स्वर्ण पदक भी जीतेगा
सरोज का कहना है कि बेटे नीरज ने ओलिंपिक की तैयारी के लिए खूब मेहनत की थी। वह साल में दो या तीन बार ही घर आता था। सारा ध्यान अभ्यास पर था। जापान जाने से पहले बेटा कहकर गया था कि देश का गौरव बढ़ाकर लौटेगा। उन्हें उम्मीद हैं कि बेटा स्वर्ण पदक जीतेगा।
19 सदस्य परिवार है, दस भाई बहनों में सबसे बड़े हैं नीरज
नीरज का संयुक्त परिवार है। परिवार में 19 सदस्य हैं। तीन चाचा व उनके स्वजन एक छत के नीचे रहते हैं। चचेरे चार भाई व छह बहनों में नीरज सबसे बड़े हैं। वे परिवार के सबसे लाडले भी हैं।
नीरज ने कर दिया कमाल, अब पदक से एक कदम दूर
शिवाजी स्टेडियम में नीरज को प्रारंभ में अभ्यास कराने वाले जितेंद्र का कहना है कि उन्हें नीरज पर भरोसा है। वह भी उस पर खरा उतरे हैं। कमाल कर दिया है। अब नीरज पदक से एक कदम दूर हैं। एक अच्छा थ्रो उन्हें पदक दिला सकता है।