International Nurses Day 2021: आज नर्स डे, पानीपत में कोरोना महामारी में घर के चूल्‍हे से लेकर मरीजों को संभाल रहीं

आज अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस है। इस कोरोना महामारी में नर्स ने जिस जज्‍बे और जुनून के साथ कर्तव्‍य निभाया है वह काबिले तारीफ है। जान जोखिम में डालकर मरीजों से लेकर घर को संभाला। आइए पढ़ते हैं कुछ ऐसी ही नर्स की जिंदगी से जुड़ी बातें।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 02:47 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 02:47 PM (IST)
International Nurses Day 2021: आज नर्स डे, पानीपत में कोरोना महामारी में घर के चूल्‍हे से लेकर मरीजों को संभाल रहीं
पानीपत की स्‍टाफ नर्स जगिता, प्रियंका और हेमा।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना काल में स्टाफ नर्स के जज्बे को सलाम है, जो पारिवारिक जिम्मेदारी से लेकर अस्पताल की ड्यूटी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मरीजों की सेवा के लिए अपने बच्चों से अलग रहती है। घर और अस्पताल में सतर्कता का पूरा ध्यान रखती है।

पानीपत के सेक्टर 12 निवासी सिस्टर हेमा रानी कहती हैं कि सास की उम्र 70 पार है। एक बेटी एमबीबीएस कर रही है तो दूसरी आइआइटी कानपुर से इंजीनियरिंग। पति के व्यवसाय होने से वे दिनभर व्यस्त रहते हैं। घर पर 18 साल का बेटा और बुजुर्ग सास रहती है। कोरोना काल में बेटियों की दिनभर ऑनलाइन क्लास चलती है। सुबह में सभी का नाश्ता और खाना बनाकर ड्यूटी आना। शाम में नहा-धोकर दोबारा काम करना कठिन है। कोरोना के कारण घर जाने के बाद भी बच्चों को पास नहीं आने देते। परिवार से दूर अलग कमरे में रहकर मरीजों की सेवा की जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।

छह साल का बेटा

जौरासी की सिस्टर प्रियंका कहती है कि उसे छह साल का बेटा है। पति नेवी में नौकरी करते हैं। घर पर बुजुर्ग सास और ससुर रहते हैं। वह घर में इकलौता काम करने वाली है। बाहर से लेकर घर के काम के साथ समय पर ड्यूटी चुनौती रहती है। कोरोना महामारी में ड्यूटी और महत्वपूर्ण हो गई है। बच्चों सहित सभी का ख्याल रखते हुए वह वह बगैर छुट्टी के लगातार ड्यूटी दे रही है। कई बार दिक्कत होने पर सहकर्मियों से ड्यूटी एक्सचेंज कर लेती है। तीनों शिफ्ट में समय से मरीजों की सेवा करती है। कोरोना के कारण बेटे को समय नहीं दे पाती है। जिगर के टुकड़े से दूर रहकर कर्तव्य का निर्वहन कर रही है।

संयुक्‍त परिवार ने साथ दिया

भापरा की सिस्टर जगीता कहती है कि संयुक्त परिवार होने से उसे कम परेशानी है। सास और देवरानी उसके दोनों 13 व 10 साल के बेटों का ध्यान रखती है। ड्यूटी से जाने पर बच्चों को प्यार करना भी कोरोना ने छीन लिया है। कोरोना के कारण बच्चों और स्वजनों से दूरी बनाकर रहना भी एक चुनौती है।

chat bot
आपका साथी