माथे पर लगे हत्या के दाग तो जेल में बदली जिंदगी जीने की राह, अब इनके हुनर को सलाम
करनाल जेल में बंद कैदियों ने जिंदगी की राह बदली तो अवार्ड जीत लिया। अब जेल परिसर में इनकी तारीफ हो रही है। रेडियो जाकी से लेकर पेंटिंग में कैदी अपने हुनर को तराश रहे हैं। पढ़े ये विशेष खबर।
करनाल, जागरण संवाददाता। जिद और जुनून है तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है, फिर जिंदगी भले किसी भी मोड़ पर हो। यही कर दिखाया है अपने माथे पर हत्या के दाग लगवा चुके जिला जेल में बंद उत्तम आनंद व सोनिया चौधरी ने। जेल में होते हुए कुछ कर गुजरने की ठानी तो उन्होंने जेल प्रशासन द्वारा दिखाई राह अपना ली और पेंटिंग से लेकर रेडियो जाकी बनकर दूसरे बंदी व कैदियों के लिए भी नायाब उदाहरण बन गए। अब तिनका-तिनका फाउंडेशन की ओर से उन्हें अवार्ड मिले ताे जेल परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई।
सोनिया काट चुकी 21 साल की सजा
साेनिया चौधरी पर पति संजीव के साथ मिलकर पूर्व विधायक रेलू राम परिवार के आठ सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने का आरोप था। अगस्त 2001 के इस हत्याकांड में उन्हें उम्रकैद की सजा हुई। हालांकि सोनिया विभिन्न जेलों में रह चुकी हैं और करनाल जेल में 11 जून 2020 को आई थीं। कुछ दिन बाद ही जेल प्रशासन के प्रयासों से उनके जीवन में बदलाव आने लगा। तिनका-तिनका फाउंडेशन के सहयोग से यहीं रेडियो जाकी बन गईं। समय-समय पर काउंसलिंग करने वालीं डीएसपी सोलाक्षी का कहना है कि सोनिया बेहतर पेंटिंग का हुनर रखती हैं तो कविता, कहानी से लेकर धार्मिक भजन भी लिखती व गाती हैं। जेल में उनके भजन गूंजते हैं।
उत्तम की पेंंटिंग देख हर कोई हैरान
2000 में गन्नौर थाने के अतंर्गत हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गन्नौर वासी उत्तम आनंद ने अपने जीवन की राह बदल ली। जेल प्रशासन के मार्गदर्शन से उनका रूझान पेंटिंग में बढ़ा। 2018 से जिला जेल में बंद उत्तम पेंटिंग में माहिर हैं और उनकी चित्रकारी देख हर कोई दंग रह जाता है। उनकी बजरंगबली की पेंटिंग बहुत सराही गई।
बंदियों को सुधारने के प्रयास जारी
जेल अधीक्षक अमित कुमार भादो का कहना है कि जेल प्रशासन का प्रयास हर बंदी व कैदी के जीवन में सुधार का है। इसी के बूते उत्तम व सोनिया को यह मुकाम हासिल हुआ। उनकी लग्न व मेहनत प्रेरणा देती है।