ठग गिरोह ने पुलिस अधिकारियों की फेसबुक प्रोफाइल को बनाया ठगी का जरिया, आप सावधान रहें
ठग गिरोह ने डीआइजी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर रुपये मांग रहे हैं। ठग ने पहले कई लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजी। इसके बाद मैसेंजर में मदद के नाम पर रुपये मांगे और जल्द लौटाने का आश्वासन दिया।
पानीपत/जींद, जेएनएन। ठग गिरोह के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पुलिस के सीनियर अधिकारियों के भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। जींद के डीआइजी कम एसएसपी ओमप्रकाश नरवाल के नाम व फोटो लगाकर फर्जी फेसबुक आइडी बना ली और लोगों को आइडी से जोड़ लिया। बाद में गिरोह ने मैसेंजर के माध्यम मैसेज भेजकर एक दिन के लिए रुपये उधार मांगने शुरू कर दिए।
फर्जी आइडी पर सोनीपत से डीआइजी का एक जानकार भी जुड़ा हुआ था। ठगों ने उसके पास भी सख्त जरूरत बताकर 20 हजार रुपये मांगे तो उसे शक हो गया और डीआइजी को फोन करके इसके बारे में अवगत करवाया। बाद में डीआइजी ने इसकी जांच साइबर सेल को सौंप दी। साइबर सेल की टीम ने फेसबुक को पत्र लिखकर अकाउंट बनाने वाले की जानकारी मांगी है। फिलहाल सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
अकाउंट पर जोड़े 247 दोस्त
डीआइजी ओमप्रकाश नरवाल के नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट पर सोमवार सुबह तक 247 लोग जुड़े हुए थे। गिरोह के लोगों ने अकाउंट से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास बारी-बारी मैसेज भेजा जा रहा था। जहां पर जरूरत दिखाकर किसी व्यक्ति से 20 हजार तो किसी से 40 हजार रुपये की डिमांड कर रहे थे। अचानक ही पैसे की जरूरत दिखाकर एक दिन बाद पैसे वापस लौटाने का वादा कर रहे थे, लेकिन उनकी लिस्ट में शामिल कोई भी व्यक्ति गिरोह के झांसे में नहीं आया।
फेसबुक पर मेरे नाम का फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से रुपया मांगने की जानकारी सोमवार सुबह ही मिली। सोनीपत के एक पहचान वाले ने इस बारे में बताया। जानकारी मिलने के साथ ही साइबर क्राइम सेल को फर्जी अकाउंट बनाने वाले का पता लगाने के आदेश दिए हैं। सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों को सतर्क रहने की जरुरत है। जो व्यक्ति पहले से ही सोशल मीडिया पर आपके फ्रेंड लिस्ट में शामिल हो, उसके नाम से आए दूसरे रिक्वेस्ट का जवाब देने से पहले अपने फ्रेंड लिस्ट में एक बार झांक लें। उस दोस्त से एक बार पूछ लें कि उन्होंने दूसरा अकाउंट बनाया है या नहीं। ठगी से बचने के और भी कई मापदंड हैं। पुलिस भी समय-समय पर जागरुकता अभियान चला रही है।
-ओमप्रकाश नरवाल, डीआइजी जींद