कोर्ट में नौकरी का दिया झांसा, खुद को बताया एसडीएम का चालक, नियुक्ति पत्र थमा साढ़े तीन लाख ठगे
खुद को एसडीएम का चालक बताकर दो युवकों को कोर्ट में नौकरी लगवाने का भरोसा देकर साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिया गया। इसके बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
करनाल, जेएनएन। दो युवकों को कोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिए जाने व फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया काे दी शिकायत में गांव सीकरी वासी सूरजभान ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी पहचान गांव सांवत वासी राजेश से थी, जो पहले खुद को पुलिसकर्मी तो फिर एसडीएम का चालक बताने लगा।
उन्होंने साल 2015 में उन्हें झांसे में लेते हुए बताया कि उनकी बड़े-बड़े अधिकारियों से पहचान है और किसी को भी कोर्ट में क्लर्क आदि पद पर नौकरी लगवा सकता है। वह आरोपित के झांसे में आ गया और उसने बताया कि वह उनके बेटे सिंगारा व उसके साले सन्नी को नौकरी लगवा सकता है, जिसके लिए सात लाख रुपये में सौदा तय हुआ। आरोपित ने साढ़े तीन लाख रुपये ले लिए जबकि बाकि राशि नौकरी लगवाने के बाद देना तय हुआ।
उक्त राशि लेने के बाद आरोपित ने उन्हें नियुक्ति पत्र थमाते हुए कहा कि उन्हें 20 अगस्त 2016 में जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में ज्वाइन करना है। कुछ दिन बाद आरोपित उन्हें ज्वाइन करने को लेकर आगे की तिथि बताकर गुमराह करता रहा और उन्होंने इस पर आपत्ति की तो आरोपित ने उनसे संपर्क करना बंद कर दिया। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिए गए नियुक्ति पत्र फर्जी थे। यहां तक कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। पीड़ित ने एसपी को शिकायत दी तो पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।