संस्कारशाला के जरिये विद्यार्थियों ने जानी राष्ट्रसेवा में योगदान की परिभाषा

किशनपुरा स्थित सदानंद बाल विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दैनिक जागरण की संस्कारशाला पाठशाला का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को दोस्त की बात कहानी सुना राष्ट्र सेवा में योगदान बारे बताया गया। स्कूल प्रिसिपल सुधा आर्य ने विद्यार्थियों को कहानी सुनाई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 09:10 AM (IST)
संस्कारशाला के जरिये विद्यार्थियों ने जानी राष्ट्रसेवा में योगदान की परिभाषा
संस्कारशाला के जरिये विद्यार्थियों ने जानी राष्ट्रसेवा में योगदान की परिभाषा

जागरण संवाददाता, पानीपत : किशनपुरा स्थित सदानंद बाल विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दैनिक जागरण की संस्कारशाला पाठशाला का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को दोस्त की बात कहानी सुना राष्ट्र सेवा में योगदान बारे बताया गया। स्कूल प्रिसिपल सुधा आर्य ने विद्यार्थियों को कहानी सुनाई। उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्रसेवा में योगदान की परिभाषा का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र सेवा में योगदान की भावना लोगों को सेवा करने के लिए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने दैनिक जागरण की पहल को सराहनीय बताया। वहीं विद्यार्थियों ने प्रिसिपल की बातों को ध्यानपूर्वक सुन अपनी जिज्ञासा अनुसार प्रश्न भी पूछे। इस आयोजन में नौंवी व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

प्रिसिपल सुधा आर्य ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति का आधार और प्रतिष्ठा उसकी भावी पीढ़ी पर होता है। हमें अपने देश के हर बच्चे एवं युवाओं में देश-भक्ति की भावना एवं उनके देश के प्रति कर्तव्य की भावना का ज्ञान अवश्य देना चाहिए। राष्ट्र प्रेम और समर्पण के लिए किसी बड़े मौके की जरूरत नहीं होती है। हम छोटे मौकों से भी राष्ट्र की सेवा में अहम योगदान दे सकते हैं। प्रिसिपल ने कहा कि किसी भी देश की उन्नति के लिए आवश्यक है कि सभी वर्ग, मजहब व जाति के लोग अपना योगदान दें। उन्होंने विद्यार्थियों को एक नागरिक के रूप में देश के प्रति उनके कर्तव्यों को भी याद दिलाया। ज्ञानवर्धक होती हैं कहानियां

नौंवी कक्षा के छात्र अभिषेक ने कहा कि दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम से काफी कुछ सीखने को मिलता है। प्रकाशित होने वाली कहानियां काफी ज्ञानवर्धक होती हैं, जो संस्कार, राष्ट्र निर्माण व सेवा में योगदान के प्रति प्रेरित भी करती हैं। यह अभियान अच्छा है, जोकि निरंतर चलना चाहिए। कर्तव्यों का करें पालन

दसवीं कक्षा के छात्र निपुण ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित रहता है। ऐसे कार्यक्रमों से कुछ अलग से सीख मिलती है। उक्त दोस्त की बात कहानी सुनकर पता चला की जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व की भावना रखने वाला व्यक्ति ही राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकता है। संविधान में हमें अधिकारों के साथ कर्तव्य भी मिले हैं, जिनका निर्वाह हमें राष्ट्र की सेवा में योगदान के साथ करना चाहिए।

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