उधार लिए रुपये नहीं चुका सका तो की लूट, कैथल में किसान से लूटे छह लाख, गिरफ्तार
बैंक से लोन की राशि निकलवाकर घर जा रहे किसान से छह लाख रुपये लूटने के तीन आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए। आरोपितों में एक ने तीन लाख रुपये उधार ले रखे थे। वापस न लौटाने पर वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी।
कैथल, जेएनएन। पांच अप्रैल को राजौंद स्थित एचडीएफसी बैंक से लोन की राशि निकलवाकर घर जा रहे किसान से छह लाख रुपये लूटने वाले तीन आरोपितों को सीआइए वन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पिस्तौल के बल पर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। जिस गाड़ी में आरोपित सवार थे उस पर भी फर्जी नंबर लगाया हुआ था, जो गुरूग्राम का मिला। वारदात में दो अन्य आरोपित और शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी व लूटी गई नकदी को बरामद करने के लिए पुलिस पूछताछ कर रही है। कलायत डीएसपी सुनील कुमार ने सीआइए वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसका खुलासा किया है। डीएसपी ने बताया कि
आरोपितों की पहचान सोनीपत जिला के गांव बावड़ निवासी संदीप कुमार, जींद के गांव बम्बेवा निवासी सुरेश कुमार उर्फ नीटू व मंदीप के रूप में हुई। आरोपित संदीप ने किसी व्यक्ति से तीन लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। उक्त रकम को वह तय समय अनुसार वापस नहीं लौटा पाया। इस राशि को लौटाने के लिए उसने लूटपाट का रास्ता अपनाया और चार अन्य साथियों को शामिल करते हुए वारदात को अंजाम दिया।
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से आरोपितों तक पहुंची पुलिस
डीएसपी ने बताया कि घटना के तीन आरोपित आई-20 कार में सवार होकर आए। इस कार पर आरोपितों ने फर्जी नंबर लगाया हुआ था। छात्तर निवासी सुरेश कुमार गांव के ही युवक सुरेश को साथ लेकर जमीन की करवाई गई लिमिट की छह लाख रुपये की राशि को निकलवाने के लिए किठाना स्थित एचडीएफसी बैंक में पहुंचा। यहां कैश कम होने के कारण बैंक वालों ने राजौंद स्थित ब्रांच में भेज दिया।
वहां से पैसे लेकर सुरेश कुमार जब साथी युवक के साथ घर जा रहा था तो आरोपितों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। रोहेड़ा रोड पर पहुंचते ही रास्ता रोक लिया। गाड़ी में से दो युवक आए और पिस्तौल दिखाते हुए उक्त राशि को छीनकर फरार हो गए। आरोपित राजौंद से अलेवा जा रहे रास्ते से फरार हुए। राजौंद थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। सीसीटीवी कैमरों की सहायता से पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुए आरोपितों को काबू किया। आरोपितों की आयु 25 से 30 साल के बीच है, जो दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं।
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हाथ में थैला देखते ही वारदात को अंजाम देने की रचते थे साजिश
डीएसपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपित मौके पर ही रणनीति बनाते हैं। बैंक के बाहर कुछ दूरी पर गाड़ी खड़ी कर बैंक से कैश लेकर बाहर आने वाले लोगों का इंतजार करते हैं। वारदात के दिन भी बैंक से बाहर एक महिला आई, जिसके हाथ में थैला था, लेकिन महिला होने के कारण कोई बड़े मामले में न उलझ जाएं, इसलिए आरोपितों ने महिला का पीछा नहीं किया। जैसे ही छात्तर निवासी सुरेश कुमार थैला में कैश लेकर बाहर आया तो उससे नकदी लूटने के लिए प्लानिंग तैयार करते हुए वारदात को अंजाम दिया।
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