कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, अस्पताल में ही नियम धराशायी

सिविल अस्पताल की हर विडो पर कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:47 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:47 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, अस्पताल में ही नियम धराशायी
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, अस्पताल में ही नियम धराशायी

सिविल अस्पताल की हर विडो पर कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। चितित प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। उधर, महामारी के दर्दनाक परिणाम से सबसे अधिक वाकिफ विभाग ही अस्पताल में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराने में नाकाम है। नतीजा ये है कि जिधर निगाहें घुमाएं, उधर ही मरीज-तीमारदारों की श्वास तक एक-दूसरे से टकरा जाती है।

दिन सोमवार, समय दोपहर करीब 12 बजे। ओपीडी स्लिप बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन विडो पर चार कतार लगी हुईं थी। चारों में मरीज एक-दूसरे से सटकर खड़े दिखे। स्लिप बनवाने के लिए आपाधापी मची थी। यूं तो दो गार्ड व्यवस्था संभालने में जुटे थे, भीड़ उनकी सुनने को तैयार ही नहीं थी। कतारों में बिना मास्क खड़े मरीज कोरोना को न्योता देते दिखे। ऐसी ही भीड़ मेडिसिन ओपीडी के बाहर दिखी। इस कारिडोर में एक साथ तीन ओपीडी होने के कारण मरीजों-तीमारदारों की श्वास से श्वास टकरा रही थी। बता दें कि इस ओपीडी में खांसी-बुखार के मरीज पहुंचते हैं। नेत्र रोग विभाग में नजर जांच कक्ष के बाहर भी भीड़ रही। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी सुविधा सुचारू रही, लेकिन त्वचा रोग ओपीडी पर ताला लटका था। यहां से करीब 150 मरीज निराश लौटे। करीब 20 फीसद मरीज ऐसे रहे,जिन्हें अस्पताल से मेडिसिन पूरी नहीं मिली, बाहर से खरीदनी पड़ी।

नोटिस का कुछ तो करो सम्मान

अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर वाहन नहीं खड़े हों,इसके लिए नोटिस चस्पा है। गत माह आउटसोर्सिंग के ठेकेदार, एंबुलेंस के फ्लीट मैनेजर को भी नोटिस थमाया गया था। इन्हें नजर रखनी थी, सोमवार को भी स्थिति पहले जैसी थी, मानो नोटिस की किसी को परवाह ही नहीं है।

कमेटी कर रही है रिपोर्ट तैयार

अस्पताल के दो चिकित्सकों, नेत्र सहायक पर मैल प्रेक्टिस(अनुचित या गैर कानूनी आचरण) के आरोप लगे हैं। किसी अनजान व्यक्ति ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं,हरियाणा और डीसी पानीपत को शिकायत भेजी हुई है। प्रिसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि पंचकूला की टीम को आना था, नहीं आई हैं। अस्पताल की तीन सदस्यीय कमेटी की गठित की गई है। सोमवार को संबंधित चिकित्सकों ने कुछ जानकारी ली गई है।

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