Kurukshetra News: लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत हुआ हजारों लोगों का पंजीकरण, भूमि के नंबर किए जाएंगे अलाट

कुरुक्षेत्र के जिला प्रशासन ने गांवों को लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत अब तक जिले में तकरीबन आठ हजार लोगों को लाल डोरे का पंजीकरण किया है। प्राथमिक स्तर पर गांवों में विभागीय कर्मचारियों की निशानदेही कराई जाती है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 01:05 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 01:05 PM (IST)
Kurukshetra News: लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत हुआ हजारों लोगों का पंजीकरण, भूमि के नंबर किए जाएंगे अलाट
गांवों में लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत हजारों लोगों का पंजीकरण किया है।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र के जिला प्रशासन ने गांवों को लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत अब तक जिले में तकरीबन आठ हजार लोगों को लाल डोरे का पंजीकरण किया है। एक विशेष अभियान के तहत नायब तहसीलदार जयवीर रंगा ने खंड एवं पंचायत विकास अधिकारी व विभागीय अधिकारियों की छानबीन के बाद प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आठ हजार लोगों की सपंतियों का लाल डोरे के अंतर्गत पंजीकरण किया है। पंजीकरण के बाद लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा। लोग कानूनी रूप से अपनी संपति की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे और उन्हें बार बार कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।

प्रदेश सरकार का गांवों को लाल डोरा मुक्त करने का फैसला

प्रदेश सरकार की ओर से गांवों को लाल डोरा मुक्त करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले से गांवों के अंदर लाल डोरा को खत्म किया जाएगा और लोगों को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक दिए जाएंगे। प्राथमिक स्तर पर गांवों में विभागीय कर्मचारियों की निशानदेही कराई जाती है। निशानदेही के बाद आपत्ति दर्ज करने का समय दिया जाता है। आपत्तियों की जांच के बाद संपत्ति का पंजीकरण होगा। लाल डोरा मुक्त भूमि का ड्राफ्ट के अंतर्गत नक्शा पंचायत व ग्राम सभा के समक्ष रखा जाता है, जहां दावे व आपत्तियां ली जाती हैं। दावे आपत्ति निपटारे के बाद आबादी का फाइनल नक्शा तैयार किया गया है। लाल डोरे की संपत्ति का पंजीकरण करने के दौरान मालिक से आधार कार्ड के रूप में उसकी आइडी ली जाती है, ताकि पंजीकरण में किसी प्रकार की गलती ना हो सके। गांव के अंदर लाल डोरे की संपत्तियों की पहचान के लिए पंचायत विभाग की ओर से सचिव और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम दस्तावेजों की छानबीन करती है। दस्तावेजों की छानबीन के बाद ही लाल डोरे की भूमि का पंजीकरण किया जाता है।

मालिकाना हक मिलने के बाद पुश्तैनी जमीन की कर सकेंगे खरीद फरोख्त

लाल डोरे की जमीन का पंजीकरण होने के बाद लोग पुश्तैनी जमीन या उस पर बने ढांचों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। पंजीकरण के बाद सभी को मालिकाना हक मिल जाएंगे। राजस्व विभाग ने लाल डोरे के पंजीकरण का इंतकाल दर्ज होगा और कब्जाधारी को मालिकाना हक व घरों के नंबर भी अलाट होंगे।

लाल डोरे के पंजीकरण का लिया जाता है 103 रुपये शुल्क

नायब तहसीलदार जयवीर रंगा ने बताया कि लाल डोरे के पंजीकरण का शुल्क प्रदेश सरकार की ओर से 103 रुपये निर्धारित किया गया है। अगर कोई कर्मचारी तय राशि से अधिक राशि वसूल करेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि लाल डोरे से संबंधित शर्ते व नियम कर्मचारियों को बताए गए हैं।

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