बारिश ने खरबूजा-तरबूज की मिठाई घटाई, किसानों को घाटा

इस बार बेमौसम बरसात से यमुना के तरबूज और खरबूजे की मिठास गायब हो गई हैं। किसान निराश हैं। जिले में यमुना के साथ लगते करीब 16 गांवों और यमुना तटबंध के अंदर हजारों किसान पिछले कई दशक से खरबूजे व तरबूज लगाते हैं। पिछले कुछ सालों से किसान मधु खरबूजे की ज्यादा मांग रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:01 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:01 AM (IST)
बारिश ने खरबूजा-तरबूज की मिठाई घटाई, किसानों को घाटा
बारिश ने खरबूजा-तरबूज की मिठाई घटाई, किसानों को घाटा

एसके त्यागी, सनौली

इस बार बेमौसम बरसात से यमुना के तरबूज और खरबूजे की मिठास गायब हो गई हैं। किसान निराश हैं। जिले में यमुना के साथ लगते करीब 16 गांवों और यमुना तटबंध के अंदर हजारों किसान पिछले कई दशक से खरबूजे व तरबूज लगाते हैं। पिछले कुछ सालों से किसान मधु खरबूजे की ज्यादा मांग रहती है।

इस बार भी यमुना किनारे के गांवों राणा माजरा, पत्थरगढ़, नवादा आर व पार, तामशाबाद, सनौली, रामड़ा आर, नन्हैड़ा, अधमी, जलमाना, मिर्जापुर, रहीमपुर खेड़ी, गोयला कलां व खुर्द के किसानों ने करीब 15 हजार एकड़ में यमुना तटबंध के बाहर और 15 हजार एकड़ अंदर में बिजाई की थी। खरबूजा पककर तैयार हो गया था। मंडियों में पहुंच रहा था। किसानों को भी पूरी उम्मीद थी कि इस बार खरबूजा की फसल बहुत अच्छी रहेगी और कोरोना महामारी के उपरांत उनका पिछला सारा घाटा पूरा हो जाएगा। लेकिन पिछले दिनों कई बार हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। जो खरबूजा पहले 10-15 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था, उसको अब कोई 2 रुपये किलो भी लेने को तैयार नहीं है। मिठास खत्म हो गई

खरबूजा उत्पादक किसान सतीश, राजपाल, महाबीर, सलीम, शमशाद, मेहरबान, अयूब ने बताया कि मधु खरबूजे की इन दिनों मांग रहती थी। एक एकड़ खरबूजे की फसल उगाने पर करीब 25 हजार रुपये खर्च आता है। दिल्ली की आजादपुर मंडी, उप्र के मेरठ व उत्तराखंड के देहरादून में 50 से 60 हजार रुपये प्रति एकड़ का बिक जाता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती और गर्म लू चलती है तो खरबूजे में ज्यादा मिठास आती है। उसका भाव और ज्यादा अच्छा मिलता है।

उन्होंने कहा कि इस बार हुई बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान व प्रदेश महासचिव चूहड़ सिंह रावल का कहना है कि फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। मौसम अनुकूल नहीं रहा

कृषि विज्ञान केंद्र ऊझा के प्रभारी डा. राजबीर गर्ग ने बताया की इस बार मौसम खरबूजे, तरबूज की फसल के ज्यादा अनुकूल नहीं रहा। बारिश होने और लू नहीं चलने से खरबूजे की फसल पर असर पड़ा है। अन्य सब्जियों पर भी बारिश का असर पड़ा है।

chat bot
आपका साथी