कनाडा में देखकर आए घरों के बाहर लगे दो पेड़, इन्‍होंने पानीपत में वैसा ही इंतजाम कर दिया

पानीपत के रघुवीर कनाडा गए थे। वहां पर हर घर के बाहर दो पेड़ लगे थे। पानीपत आए तो यहां पर भी ऑक्सीजन बांटना शुरू किया और ऑक्सीजन उगाया। यानी सुखदेव नगर में अपने घर में पौधे रोपे मुहल्ले को भी हरा भरा बनाया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 01:49 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 01:49 PM (IST)
कनाडा में देखकर आए घरों के बाहर लगे दो पेड़, इन्‍होंने पानीपत में वैसा ही इंतजाम कर दिया
सुखदेव नगर के रहने वाले 87 वर्षीय एडवोकेट रघुवीर सैनी।

पानीपत, जेएनएन। सुखदेव नगर में रहते हैं 87 वर्षीय एडवोकेट रघुवीर सैनी। उन्होंने अपने घर के साथ पूरे मुहल्ले को हरा-भरा बना दिया है। घर में पौधे लगाते, दूसरों को भी प्रेरित करते। इनके घर के अंदर आएंगे तो आपको ऑक्सीजन देने वाले भरपूर पौधे दिखेंगे। कहते भी हैं, उन्होंने उन्हीं पौधों को लगाया, जो ऑक्सीजन ज्यादा छोड़ते हैं।

एक खास बात और सुखदेव नगर में नजर आएगी। मकान नंबर 108 की जिस लाइन में वह रहते हैं, उस लाइन में आपको हर घर के आगे दो पेड़ दिखेंगे। रघुवीर सैनी ने जागरण को बताया कि वह अपनी बेटी के पास टोरंटो गए थे। वहां देखा कि हर घर के आगे दो पेड़ लगे थे। एक दायीं तरफ, दूसरा बायीं तरफ। कंटीली तार पर पहले रबर लगी थी, ताकि पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे। उन्होंने वहीं से प्रेरणा ली। घर में तो सभी पौधे लगाते ही हैं, घर के बाहर गेट के पास इस तरह पौधे लगाने की ठान ली। अपने आसपास पड़ोस इस तरह पौधे लगाए। अब वही पौधे पेड़ बन चुके हैं।

घर के आंगन, गैलरी और छत पर पौधे ही पौधे

रघुवीर सैनी के घर के आंगन से लेकर गैलरी और छत पर पौधे ही पौधे दिख जाएंगे। इन पौधों में मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट, स्नेक और एरिका जैसे प्रजाति के पौधे दिखेंगे। दरअसल, ये पौधे ऑक्सीजन अधिक छोड़ते हैं। पानी भी इनमें कम लगता है। सुबह और शाम को पौधें के साथ बिताते हैं। इनके साथ बात भी करते हैं। कहते हैं कि पौधों से बात करेंगे तो ये मुरझाएंगे नहीं।

पानीपत के पहले योग शिक्षक

रघुवीर सैनी पानीपत के पहले ऐसे योग शिक्षक हैं, जो हरिद्वार से ट्रेनिंग लेकर लौटे। तब से योग को ही अपना जीवन बना लिया। योग से इतना लगाव हुआ कि 2007 में वकालत छोड़कर सभी को योग के प्रति प्रेरित करने लगे। लोग इन्हें योगी रघुवीर सैनी भी कहते हैं। कहते हैं कि योग की क्लास तभी अच्छी लगती है, जब आसपास पौधे हों।

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