कोरोना की तीसरी लहर की चिता, छह सीएचसी में लगाए गए आक्सीजन प्वाइंट्स

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। जिले की छह सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों) में आक्सीजन प्वाइंट्स लगाए जा रहे हैं। 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए इन केंद्रों में सोलर सिस्टम लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 04:27 AM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 04:27 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर की चिता, छह सीएचसी में लगाए गए आक्सीजन प्वाइंट्स
कोरोना की तीसरी लहर की चिता, छह सीएचसी में लगाए गए आक्सीजन प्वाइंट्स

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। जिले की छह सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों) में आक्सीजन प्वाइंट्स लगाए जा रहे हैं। 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए इन केंद्रों में सोलर सिस्टम लगाए गए हैं।

डिप्टी सिविल सर्जन डा.शशि गर्ग ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। तीसरी लहर बच्चों पर अधिक प्रतिकूल प्रभाव डालेगी, इसके चलते चंडीगढ़ में बैठे वरिष्ठ चिकित्सक, सभी जिलों के शिशु रोग विशेषज्ञों को आनलाइन ट्रेनिग दे रहे हैं। सिविल अस्पताल पानीपत की शिशु रोग विशेषज्ञ डा. निहारिका, डा. रिचा और डा. एकता बठला ट्रेनिग ले रही हैं। हर मीटिग में संक्रमण नियंत्रण पर जोर दिया जा रहा है।

सिविल सर्जन कार्यालय से वेंटिलेटर-इंक्यूबेटर सहित कई उपकरणों की डिमांड मुख्यालय भेजी गई है। सीएचसी-पीएचसी के मेडिकल आफिसर, स्टाफ नर्स, बहु-उद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्रेनिग दी जा चुकी है, बाकी को दी जा रही है। स्टाफ नर्स को बताया गया है कि बच्चों को आक्सीजन देते समय प्रैशर कैसे मेंटेन करना है। संक्रमण मुक्त स्थल रहे, इसके निर्देश दिए गए हैं। डा. गर्ग ने चिकत्सकों और नर्सिंग स्टाफ को बताया कि मरीजों व तीमारदारों को कैसे अटेंड करना है। तीन सरकारी शिशु रोग विशेषज्ञ

जिला में शून्य से 12 साल आयु के करीब ढाई लाख बच्चे हैं। सीएचसी-पीएचसी में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है। सिविल अस्पताल में तीन, डा. आलोक जैन, डा. निहारिका और डा. रिचा सावन हैं। डा. जैन प्रशासनिक कार्य संभालते हैं। अस्पताल में 15 वेंटिलेटर हैं, 14 की डिमांड भेजी गई है। बच्चों के 15 अस्पताल

जिला में बच्चों के इलाज के लिए 15 निजी अस्पताल हैं। इनके डाक्टर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) से जुड़े हैं। तीसरी लहर में जरूरत पड़ी तो निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों का सहयोग भी लिया जा सकता है। बता दें कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में करीब 2000 बच्चे-किशोर संक्रमित मिल चुके हैं। 16 से 18 साल आयु के तीन मरीजों की मौत भी हो चुकी है। अस्पताल में नहीं बनेगा पीआइसीयू

सिविल अस्पताल में पांच बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) बनाने की तैयारी थी। अब सिविल सर्जन से इससे इंकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों से ऐसा कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है। मौजूदा आइसीयू को ही इस्तेमाल में लाया जाएगा।

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